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June 20, 2025

जनजातीय गौरव दिवस में ढाई लाख की भीड़ जुटने का दावा, पीएम के भाषण के दौरान कुर्सियां भी दिखी खाली

पीएम मोदी के आगमन को लेकर बीजेपी की ओर से दावा किया गया कि इसमें ढाई लाख से ज्यादा लोगों ने शिरकत की। भीड़ जुटाने और आयोजन को लेकर 23 करोड़ खर्च किए गए।

भोपाल के जम्हूरीबाग मैदान में जनजातीय गौरव दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में भीड़ जुटाने में सरकारी अमला पूरी ताकत के साथ लगा रहा। आगमन को लेकर बीजेपी की ओर से दावा किया गया कि इसमें ढाई लाख से ज्यादा लोगों ने शिरकत की। भीड़ जुटाने और आयोजन को लेकर 23 करोड़ खर्च किए गए। बीजेपी का कहना है कि इसमें मध्य प्रदेश के 52 जिलों के अलग-अलग इलाकों से आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए। हालांकि हकीकत कुछ और ही बयां करती नजर आई। पीएम के संबोधन के दौरान जनसभा स्थल पर बहुत सारी कुर्सियां खाली होने लगी। पीएम मोदी को सुनने आए काफी लोग बीच में ही बाहर जाते नजर आए। ऐसे में पीछे की कुर्सिंया खाली होने लगी।
बीजेपी सरकार का एक ओर दावा है कि वो आदिवासियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लेकर आई हैं, जिससे लाखों की संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं। हालांकि जनसभा स्थल पर खाली कुर्सियां पार्टी के लिए चिंता पैदा करने वाली हैं। रैली स्थल के सबसे पीछे की ओर कुर्सियां आखिरी वक्त तक नहीं भर सकी थीं। वहीं दावा किया गया था कि इस कार्यक्रम के आयोजन पर 23 करोड़ रुपये की रकम खर्च की गई। इसमें से 13 करोड़ रुपये तो महज लोगों को यहां लाने के लिए परिवहन, रहने खाने-पीने की व्यवस्था, पर खर्च किए गए। 10 करोड़ रुपये के करीब साज सजावट औऱ अन्य कार्यक्रम पर खर्च किए गए।
बीजेपी ने हाल ही में आदिवासी बाहुल्य जोबट सीट कांग्रेस से छीनी है, लेकिन 2008 से 2018 के बीच आंकड़ों की बात करें तो आदिवासी समुदाय के बीच पार्टी के वोट प्रतिशत में गिरावट आई है। साथ ही सीटों की संख्या भी 31 से घटकर 18 रह गई है। बीजेपी इस वोट बैंक को दोबारा मजबूत करने की भरसक कोशिश में जुटी है।
पूरे जनजातीय समाज के लिए गौरव का दिन
पीएम मोदी ने बिरसा मुंडा की जयंती पर भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस महासम्मेलन में कहा कि आज का दिन पूरे देश के लिए, पूरे जनजातीय समाज के लिए गौरव का दिन है। आज भारत अपना पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। पीएम ने नाम लिए बिना कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की आबादी का 10 फीसद होने के बावजूद दशकों तक आदिवासी समाज को, उनकी संस्कृति, उनकी ताकत नजरअंदाज किया गया। पीएम मोदी ने पहले पीपीपी मॉडल पर बने रानी कमलापति स्टेशन को समर्पित किया।
मध्यप्रदेश का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन देश का पहला विश्वस्तरीय मॉडल स्टेशन है, जहां अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की तर्ज पर यात्रियों को सभी सुविधाएं मुहैया कराई गईं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इस स्टेशन का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित किया और आज के दिन को भोपाल, मध्यप्रदेश और देश के लिए अहम बताया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब लोगों ने रेलवे की सुविधाओं में सुधार की उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन हम उन उम्मीदों को पूरा करने का काम कर रहे हैं।

मोदी ने कहा कि बीते सात वर्षों में हर साल औसतन ढाई हजार किमी ट्रैक कमीशन किया गया है। इससे पहले के वर्षों में यह 1500 किमी के आसपास ही होता था। रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण की रफ्तार पांच गुना तक बढ़ गई है। देश के मजबूत होते रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर का लाभ किसानों, छात्रों, व्यापारियों और उद्यमियों को होता है। अब किसान रेलवे के जरिए अपनी उपज देश के कोने-कोने में भेज सकते हैं, रेलवे उन्हें इसमें छूट भी दे रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ देश आने वाले वर्षों के लिए खुद को तैयार कर रहा है। आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए रिकॉर्ड निवेश को कर ही रहे हैं यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि ये काम समय से पूरे हों। उन्होंने कहा कि बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत को समझा जा रहा है और इसके लिए निवेश भी बढ़ाया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं की देश के करदाताओं को और मध्यमवर्ग को हमेशा उम्मीद रही है। यही इन करदाताओं का सही सम्मान है। रेलवे स्टेशनों के पूरे ईकोसिस्टम को इसी तरह से बदलने के लिए आज देश के 175 से अधिक स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है और नई ट्रेनें चलाने की तैयारी की जा रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय रेलवे की स्थिति एक समय में इतनी बिगड़ गई थी कि लोगों ने इस बात को मान लिया था कि इसमें सुधार नहीं होने वाला और सुधार की उम्मीदें छोड़ दी थीं। लेकिन जब देश ईमानदारी से संकल्पों की सिद्धि से जुड़ता है तो सुधार आता ही आता है, परिवर्तन होता ही होता है। यह हमने बीते वर्षों में लगातार देखा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सपने किस तरह सच होते हैं भारतीय रेलवे इसका उत्तम उदाहरण बन रहा है। छह-सात साल पहले जिसका पाला रेलवे से पड़ता था वह इसे कोसते हुए ही नजर आता था। स्टेशनों पर गंदगी, ट्रेनों की लेटलतीफी, स्टेशनों पर बैठने और खाने पीने की असुविधा, सुरक्षा की भी चिंता व दुर्घटना का डर जैसी समस्याएं थीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का केवल कायाकल्प ही नहीं हुआ है बल्कि किन्नौरगढ़ की रानी कमलापति का इससे नाम जुड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि गोंडवाना के गौरव से आज भारतीय रेल का गौरव भी जुड़ गया है। यह सब ऐसे समय में हुआ है जब आज देश जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। मैं सबको इसकी बधाई देता हूं।
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने ‘मोदी-मोदी’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए प्रधानमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन भोपाल के लिए, मध्यप्रदेश के लिए और पूरे देश के लिए गौरवपूर्ण इतिहास व वैभवशाली भविष्य के संगम का दिन है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम आदिवासी रानी रानी कमलापति के नाम पर रखने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि रानी कमलापति वह गोंड समाज की शान थीं। वह आखिरी हिंदू रानी थीं।
तीन दिन पहले ‘हबीबगंज स्टेशन’ का नाम बदलकर रानी कमलापति पर रखा गया है। प्रधानमंत्री के 2 घंटे के दौरे के लिए राज्य सरकार ने 23 करोड़ रुपये की राशि खर्च करने को लेकर भी आलोचना की गई है। मंच से दावा किया गया कि लगभग ढाई लाख आदिवासी मध्य प्रदेश के कोने-कोने से यहां आए हैं, लेकिन पीएम मोदी के भाषण के दौरान भी कुर्सियां खाली रहीं, लोग पंडाल से जाते भी दिखे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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