सीटू ने गठित की बस्ती बचाओ संघर्ष समिति, नरेंद्र सिंह अध्यक्ष और प्रेमा महामंत्री बने
1 min readसेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) की देहरादून में डीएल रोड स्थित अम्बेडकर धर्मशाला बैठक आयोजित की गई। इसमें बस्ती बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया। बैठक की अध्यक्षता बस्ती बचाओ आंदोलन के संयोजक नरेंद्र सिंह ने की। बैठक में सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार केंद्र की मोदी सरकार की तरह ही मजदूर विरोधी फैसले ले रही है। अंधे विकास के नाम पर धड़ल्ले से पेड़ों का कटान हो रहा है। वहीं राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के एक आदेश को बहाना बना कर मजदूर बस्तियों को बड़ी ही बेहरहमी से उजाड़ने का काम किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार अब एलिवेटेड रोड के नाम पर फिर बस्तियों पर बुलडोजर चलाने का काम करेगी। एलिवेटेड रोड के बनने से लाखों लोग बेघर हो जाएंगे। इसलिए सरकार के इस फैसले का विरोध किया जाना अति आवश्यक है। इस अवसर पर सीपीएम के जिला सचिव राजेन्द्र पुरोहित ने कहा कि सरकार को कानून ला कर बस्तियों में रहने वालों को मालिकाना हक दिया जाना चाहिए। सरकार पूंजीपतियों को भूमि उपलब्ध करवाने के लिए गरीब मजदूरों को उजाड़ना चाहती है। इससे इस सरकार का गरीब मजदूर विरोधी चेहरा सामने आ गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में तय किया गया कि 9 अगस्त 2024 को भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर गाँधी पार्क में होने वाले संयुक्त ट्रेड यूनियनों व संयुक्त किसान मोर्चा के की ओर से आयोजित धरने में बस्तीवासी शामिल होंगे। इस अवसर पर बस्ती बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया। इसमें अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष किरण, पंकज गौतम, महामंत्री प्रेमा, कोषाध्यक्ष सोनू कुमार, सचिव निर्मला देवी, कार्यकारिणी सदस्य महेंद्र सिंह, प्रीति देवी चुने गए । (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर भगवंत पायल, रविन्द्र नौढियाल, पंकज सिंह आदि भी विचार व्यक्त किए। बैठक में बांटी कुमार सूर्यवंशी, ओमप्रकाश, रेखा देवी, राजो देवी, लायकराम, बिरजू, नौशाद, संतराम, अमर सिंह, घनश्याम, चेतन, जब्बार, रतन सिंह आदि उपस्थित थे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।