Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 10, 2025

बाल कविता: रिमझिम बरसो बरखा रानी, रचना-कालिका प्रसाद सेमवाल

बाल कविता: रिमझिम बरसो बरखा रानी, रचना-कालिका प्रसाद सेमवाल।

रिमझिम बरसो बरखा रानी

मौसम कितना सुहावना है
सावन जैसा ही लगता है
रिमझिम -रिमझिम पानी बरसे
छायी बदरिया है घनघोर।।

आओ सोनू आओ मोनू
बरखा का आनंद उठाये
मास्क पहन कर घर से आना
दो गज की दूरी बनाना।

सरिता ललिता तुम भी आओ
हम सब मिल कर नाचे गाये
पानी में भीग भीगकर
बरखा का आनंद उठाये।

बचपन में जो करे शरारत
उसकी बुद्धि प्रखर हो खिलती
जो भी बच्चा करे शरारत
उससे उसको उर्जा मिलती।

कवि का परिचय
कालिका प्रसाद सेमवाल
अवकाश प्राप्त प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा।
निवास- मानस सदन अपर बाजार रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

1 thought on “बाल कविता: रिमझिम बरसो बरखा रानी, रचना-कालिका प्रसाद सेमवाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page