राज्य की ध्वस्त स्वास्थ्य सेवाओं पर मुख्यमंत्री ने स्वयं लगाई मुहर: धस्माना
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राज्य में ध्वस्त पड़ी स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में आज फिर त्रिवेंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। इस बार कांग्रेस ने हमले में हथियार मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमित होने पर उनके सपरिवार राज्य के अस्पताल की जगह दिल्ली एम्स में इलाज कराने को बड़ा मुद्दा बनाया। कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि हमें बड़ी खुशी है कि मुख्यमंत्री कोरोना संक्रमण से सपरिवार सहित बाहर आ गए हैं। वह पूर्ण रूप से स्वास्थ्य हैं, किंतु उनके संक्रमित होने व पहले दून अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होने व फिर दिल्ली एम्स में शिफ्ट किये जाने से राज्य की पूरी स्वास्थ्य सेवाओं पर ही सवाल खड़ा हो गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के चैस्ट इन्फेक्शन का स्तर मात्र 4 था, जबकि उसी दून हस्पताल में 11 व 12 स्तर के इंफेक्शन के मरीज भी भर्ती थे। वहीं, उनका इलाज भी चल रहा था। राज्य के मुख्यमंत्री ने अन्य किसी मरीज की तो परवाह नहीं की और न उनके बारे में पूछताछ की। स्वयं परिवार सहित इलाज के लिए दिल्ली रवाना हो गए।
धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री के दिल्ली जाने से यह साबित होता है कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ही कोरोना का पूरा इलाज संभव नहीं। जिस बात को 16 मार्च 2020 को ही जब मैंने दून अस्पताल पहुंच कर व्यवस्थाओं पर प्रश्न उठाया था व कहा था कि सरकार की कोरोना से लड़ने की कोई तैयारी नहीं है। इस पर मुझे 28 दिन जबरदस्ती क्वेरेन्टीन कर दिया गया था।
धस्माना ने कहा कि एक दैनिक समाचार पत्र के 15 पत्रकार व उनके परिवारजन पिछले दो सप्ताह से कोरोना संक्रमित हो रखे हैं, किंतु उनकी मुख्यमंत्री ने कोई सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार व राज्य आंदोलनकारी जितेंद्र अंथवाल भी कोरोना संक्रमित हो कर गम्भीर रूप से बीमारी की हालात में दून में ही इलाज करवा रहे हैं। उनकी मुख्यमंत्री या सरकार ने कोई सुध नहीं ली और जब मुख्यमंत्री दून में भर्ती हुए, तब भी श्री जितेंद्र अंथवाल वहां भर्ती थे।
धस्माना ने कहा कि आज भी राज्य में कोरोना संक्रमण पर सरकार नियंत्रण नहीं कर पा रही और लगातार लोग संक्रमित हो रहे हैं। या लोगों की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि संक्रमितों की संख्या 92 हजार पार कर गयी है, जो चंद दिनों में एक लाख पार कर जाएगी। धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री जो स्वयं स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। उनको अब तो यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में उनकी सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।