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October 15, 2025

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच चारधाम यात्रा स्थगित, निर्धारित समय पर खुलेंगे धामों के कपाट

उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया है। कपाट अपने निर्धारित समय और तिथि पर खुलेंगे, लेकिन यात्री नहीं आएंगे।

उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया है। कपाट अपने निर्धारित समय और तिथि पर खुलेंगे, लेकिन यात्री नहीं आएंगे। तीरथ सिंह रावत सरकार ने फैसला किया है कि हर दिन धामों के मंदिर में पूजा अर्चना नियमित समय पर होती रहेगी।
गौरतलब है कि गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो जाता था। पिछले साल भी कोरोना के चलते यात्रा कुछ ही दिन चली। इस बार भी यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खुलने हैं। वहीं, श्री केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई सोमवार को प्रात: 5 बजे, श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस यात्रावर्ष 18 मई को प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे। वैसे हेमकुंड साहिब के हर साल कपाट एक जून को खुलते थे। इस बार मुख्यमंत्री के अनुरोध पर हेमकुंड साहिब के कपाट 10 मई को खोलने की तिथि तय की गई थी। बाद में इसे भी स्थगित कर दिया गया। पिछले साल भी हेमकुंड साहिब की यात्रा 36 दिन चली थी।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि धामों के कपाट निर्धारित समय पर ही खुलेंगे और तीर्थ-पुरोहित मंदिरों में नियमित रूप से पूजा-पाठ करेंगे, लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर चारधाम यात्रा को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है।
गढ़ी कैंट स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि चार धामों में केवल तीर्थ पुरोहितों को ही नियमित पूजा पाठ की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा की किसी को अनुमति नहीं होगी। केवल तीर्थ-पुरोहित ही पूजा करेंगे। स्थानीय जिले के निवासी भी मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए नहीं जा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि नियमित समय पर ही चारधाम के पट खुलेंगे और तीर्थ-पुरोहित ही पूजा करेंगे। बाकी देश के लोगों के लिए चारधाम यात्रा अभी बंद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में इस समय कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड में भी लगातार कोविड के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे समय में सरकार पूरी तरह से सजग है। इसी क्रम में तय हुआ है कि अभी चारधाम यात्रा को स्थगित रखा जाए। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 से लड़ाई में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड में कहर जारी, 6954 नए संक्रमित
उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है। बुधवार 28 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट ने 24 घंटे के भीतर नए संक्रमितों और मौत के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। बुधवार को 6954 नए संक्रमित मिले। वहीं, 108 लोगों की मौत हुई। मंगलवार 27 अप्रैल को 5703 नए संक्रमित मिले और 96 लोगों की मौत हुई थी। इसी माह अप्रैल में ये चौथी बार है कि जब एक दिन में पांच हजार से ज्यादा संक्रमित मिले। वहीं, पहली बार छह हजार का आंकड़ा बुधवार को पार हुआ। वहीं प्रदेश में बुधवार को 506 केंद्र में 35898 लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए।
वर्तमान में उत्तराखंड में 45383 लोग कोरोना से संक्रमित हैं और इलाज करा रहे हैं। वहीं, बुधवार को कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 3485 है। अब प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 168616 हो गई है। इनमें 117221 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। उत्तराखंड में अब तक कोरोना से 2417 लोगों की जान जा चुकी है।
देहरादून में डरा रहा नए संक्रमितों का आंकड़ा
देहरादून में नए संक्रमितों का आंकड़ा डराने लगा है। देहरादून में बुधवार को 2329 संक्रमित मिले। हरिद्वार में 1178, उधमसिंह नगर में 849, नैनीताल में 665, चमोली में 175, पौड़ी में 174, चंपावत में 153, अल्मोड़ा में 140, बागेश्वर में 128, टिहरी में 109 संक्रमित मिले।
दोपहर दो बजे तक खुलेंगी आवश्यक दुकानें
उत्तराखंड में ऋषिकेश, देहरादून के साथ ही छावनी परिषद गढ़ी कैंट, क्लेमंटाउन, के साथ ही नगर पालिका डोईवाला, विकासनगर, हरर्बटपुर, मसूरी क्षेत्र में भी कोरोना कर्फ्यू लगा दिया गया है। अब ऐसे क्षेत्र में आवश्यक सेवा की दुकानों का समय भी दोपहर दो बजे तक किया गया है। देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान फल, सब्जी, बेकरी, डेरी, मीट-मछली (लाईसेंसधारी), राशन, सरकारी सस्ता गल्ला, पशुचारा तथा अंडे की दुकानें अब दोपहर दो बजे तक ही खुलेंगी।
बढ़ाए जा रहे हैं कंटेनमेंट जोन
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 213 स्थानों पर कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। यहां लॉकडाउन की स्थिति है। ऐसे स्थानों में सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक गतिविधियां प्रतिबंधित हैं। वहीं, लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। एक परिवार के एक सदस्य को आवश्यक वस्तु के लिए मोबाइल वेन तक जाने की अनुमति है। इन क्षेत्र में देहरादून में 55, हरिद्वार में 13, नैनीताल में 36, पौड़ी में 12, उत्तरकाशी में 26, उधमसिंह नगर में 43, चंपावत में 16, चमोली में तीन, टिहरी में आठ, रुद्रप्रयाग में एक कंटेनमेंट जोन है।
कई शहरों में कर्फ्यू
देहरादून में देहरादून, मसूरी, विकासनगर, हरर्बटपुर, मसूरी, डोईवालाऔर ऋषिकेश, नैनीताल में हल्द्वानी, रामनगर और लालकुआं, पौड़ी में कोटद्वार, स्वर्गाश्रम व लक्ष्मणझूला, टिहरी के कई कस्बों, उधमसिंह नगर, चंपावत, हरिद्वार आदि में तीन मई तक कर्फ्यू है। ये तीन मई की सुबह तक के लिए कोविड कर्फ्यू लगा दिया गया है। यहां आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलेंगी। अन्य स्थानों पर हर शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू है। वहीं, कर्फ्यू के दौरान लोग बेवजह घरों से बाहर निकल रहे हैं।
सुबह दिए तीन दिन और कार्यालय बंद करने के आदेश, शाम को पलटे
उत्तराखंड में सरकारी कार्यालयों को 28 अप्रैल तक बंद करने के आदेश थे। इसमें संसोधन करते हुए आज ही दोपहर स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकड पांडे ने अवगत कराया कि 29, 30 अप्रैल और एक मई को भी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। वहीं, शाम को इन आदेश को पलट दिया गया। शाम को डॉ. पंकज कुमार पांडे ने आदेश जारी करते हुए बताया कि कि पहले से आदेश निरस्त कर दिए गए हैं। इसमें समूह क व ख के कार्मियों की उपस्थिति 29 अप्रैल से शत प्रतिशत रहेगी। आवश्यक सेवा संबंधी विभागों को छोड़कर समूह ग और घ के कर्मचारियों को रोटेशन के आधार पर सीमित किया जाएगा।
ऐसी महिला कार्मिक जो गर्भावस्था में हो अथवा जिनकी संतान 10 वर्ष से कम उम्र की हो, 55 वर्ष से अधिक आयु तक गंभीर बीमारी से ग्रसित कार्मिक घर से ही कार्य करेंगे। अपरिहार्य परिस्थितियों में ही इनको कार्यालय बुलाया जाएगा। राजकीय शासकीय कार्यालयों में कार्यरत दिव्यांग कार्मिकों को कार्यालय में उपस्थिति की छूट रहेगी। शासकीय कार्यों में आवश्यकता पड़ने पर किसी भी कार्मिक को कार्यालय बुलाया जा सकेगा। जहां तक संभव हो बैठकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही की जाए। इसके अतिरिक्त पूर्व में निर्गत 20 अप्रैल में कार्यालय में सावधानियों बचाव हेतु दिए गए दिशानिर्देश यथावत लागू रहेंगे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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