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September 21, 2024

चमोली आपदाः राहत और बचाव कार्य जारी, अब तक 32 शव बरामद, 197 लापता, देखें लापता लोगों की राज्यवार सूची

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उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के निकट रविवार की सुबह आई आपदा के बाद से राहत और बचाव का कार्य जारी है। रैणी हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट की टनल को खोलने का काम चल रहा है।

उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के निकट रविवार की सुबह आई आपदा के बाद से राहत और बचाव का कार्य जारी है। रैणी हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट की टनल को खोलने का काम चल रहा है। ऑपरेशन में सुरंग से 130 मीटर तक मलबा हटाया जा चुका है। ये सुरंग करीब 180 मीटर लंबी है। अभी तक कुल 32 शव बरामद कर लिए गए हैं। करीब 197  लोग लापता हैं। वहीं, 35 लोग टनल में फंसे होने की संभावना है। जिन्हें तलाशने को टनल को पूरा खोलने का अभियान जारी है। वहीं दो दर्जन से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया है। कुछ लोग खुद भी आ गए हैं। उधर,  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत फिर सोमवार की शाम से प्रभावित क्षेत्र में डेरा जमाकर राहत कार्यों पर नजर रखे हुए थे। सुबह उन्होंने प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण भी किया। इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आर्मी अस्पताल जोशीमठ में भर्ती घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना।

इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जोशीमठ आर्मी हैलीपेड से सीमांत गांव क्षेत्र लाता के लिए रवाना हुए। रविवार को तपोवन क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी मे जिले के जोशीमठ ब्लाक के सीमांत क्षेत्र के 13 गांवो का सडक संपर्क टूट गया था। इस आपदा से सीमांत क्षेत्र के रैणी पल्ली, पैंग, लाता, सुराईथोटा, सुकी, भलगांव, तोलमा, फगरासु, लोंग सेगडी, गहर, भंग्यूल, जुवाग्वाड, जुगजू गांवो से सडक संपर्क अभी कटा है। ग्रामीणो का हालचाल जानने आज स्वयं मुख्यमंत्री लाता पहुंचे। यहां उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत और और इसके बाद वह देहरादून लौट गए। वहीं, डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार ने मौके पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि टनल खोलने का काम जारी है।

उत्तराखंड के पुलिस की अपील
चमोली में आयी प्राकृतिक आपदा में अभी तक 197 लोग लापता हैं। लापता लोगों में से 32 लोगों के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये जा चुके हैं, जिनमें से 08 लोगों की पहचान हो गई है और 24 लोगों की पहचान नहीं हो पायी है। जिन लोगों के परिचित लापता हैं वे नीलेश आनन्द भरणे, DIG Law and Order/प्रवक्ता उत्तराखंड पुलिस से मोबाइल नम्बर +91 7500016666 पर सम्पर्क कर सकते हैं। उन्हें व्हाट्स एप के माध्यम से इन 24 अज्ञात शवों की तस्वीरें भेजी जाएगी। आप उन तस्वीरों के माध्यम से उनकी शिनाख्त कर सकते हैं।

तीसरे दिन भी जारी रहा रेस्क्यू
चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के तीसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन पूरे दिनभर जारी रहा। आपदा मे सडक पुल बह जाने के कारण नीति वैली के जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है उन गांवों में जिला प्रशासन चमोली द्वारा हैलीकॉप्टर के माध्यम से राशन, मेडिकल एवं रोजमर्रा की चीजें पहुंचायी जा रही है। गांवों मे फसे लोगो को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री हैली से भेजी जा रही हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।

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राज्य आपातका प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 190, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 04 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन, लगाए गए हैं। राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं। बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर, आदि मशीनें लगाई गई हैं। एक हेलीकाप्टर द्वारा एनडीआरएफ की टीम औश्र 03 वैज्ञानिकों को भेजा गया है। स्टैंडबाई के तौर पर आईबीपी के 400, आर्मी के 220 जवान, स्वास्थ्य विभाग की 4 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 39 फायरमैन रखे गए हैं। आर्मी के 03 हेलीकाप्टर जोशीमठ में रखे गए हैं।
दो गांव में बिजली, तीन में पेयजल व्यवस्था है ध्वस्त
आपदा से 05 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। 13 गांवों में बिजली प्रभावित हुई थी, इनमें से 11 गांवों में बिजली बहाल कर दी गई है। शेष 2 गांवों में अभी लाईन क्षतिग्रस्त है। इसी प्रकार 11 गांवों में पेयजल लाईन क्षतिग्रस्त हुई थीं। इनमें से 8 गांवों में पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। शेष 03 पर भी काम चल रहा है।


मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिह रावत ने सोमवार देर सांय तपोवन रितिक कंपनी के कार्यालय मे आईजी, डीआईजी, डीएम, एसपी, आर्मी, आईटीबीपी, बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारियों एवं एनटीपीसी के प्रोजेक्ट इनचार्ज अधिकारियों की बैठक लेते हुए राहत एवं बचाव कार्यो की समीक्षा की थी।

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गांवों में किया जा रहा राहत सामग्री का वितरण
जोशीमठ-मलारी हाइवे पर मोटरपुल टूटने से कट गए गांवों में भी राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। राहत व बचाव कार्यों को तेज करने के लिए चमोली जिले को 20 करोड़ की राशि जारी की गई। चमोली के आपदा प्रभावित इलाकों में सेना, आइटीबीपी, एसएसबी और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। चमोली पुलिस के अनुसार, टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी है। वहीं, धौलीगंगा नदी में क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर अस्थायी पुल निर्माण में भी जवान जुट गए हैं। पुल टूटने से कई गावों का संपर्क कटा हुआ है।


अचानक बढ़ा था ऋषिगंगा का पानी, मची तबाही
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में अचानक ऋषिगंगा और धौलगंगा नदी में पानी का जलजला आने से रैणी गांव में ऋषिगंगा नदी पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का डैम धवस्त हो गया था। इसने भारी तबाही मचाई और पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित धौलीगंगा नदी में एनटीपीसी के बांध को भी चपेट में ले लिया। इससे भारी तबाही मची और कई लोग अभी भी लापता हैं। घटना रविवार की सुबह करीब दस बजे की थी। इससे अलकनंदा नदी में भी पानी बढ़ गया था। प्रशासन ने नदी तटों को खाली कराने के बाद ही श्रीनगर बैराज से पानी कंट्रोल कर लिया। वहीं, टिहरी डाम से भी आगे पानी को बंद कर दिया था। इससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई।

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प्राकृतिक आपदा में लापता व्यक्तियों की राज्यवार सूचना (पुलिस मुख्यालय की ओर से सूची जारी की गई है) 

यूपी के मंत्रियों से की सीएम त्रिवेंद्र से मुलाकात, हर मदद का दिया आश्वासन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मंगलवार को सचिवालय में उ.प्र. के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ धर्म सिंह सैनी एवं विजय कश्यप ने भेंट की। उन्होंने जोशीमठ क्षेत्र के रैणी क्षेत्र में आयी आपदा से सम्बन्धित बचाव एवं राहत कार्यों के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री से चर्चा की।
कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आपदा पीड़ितों की सहायता के लिये हरिद्वार में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। वहां पर एडीएम स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कैबिनेट मंत्री ने मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया कि मुख्यमंत्री योगी ने उत्तराखंड सरकार को इस आपदा के संकट पर सहयोग देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 के काफी संख्या में लोग इस क्षेत्र की विद्युत परियोजनाओं में कार्यरत रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलाधिकारियों को अपने जनपद से इस परियोजना में कार्यरत लोगो की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही उ0प्र0 के लापता लोगों की सूची एवं फोटो राज्य सरकार को प्रेषित कर दी जायेगी।


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का आभार जताते हुए कहा कि इस आपदा में फसे लोगो को राहत पहुचाने के लिये सभी एजेन्सियों का सराहनीय सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि रैणी से लेकर नदी तटों के सभी स्थलों पर भी व्यापक खोजबीन की जा रही है ताकि लापता लोगों का पता लग सके।
उन्होंने कहा कि इस आपदा में हमें केदारनाथ के अनुभवों का भी लाभ मिल रहा है, यदि लोगो की पहचान हो सके तो ठीक है नही तो उनके डीएनए की जांच कर रिकार्ड सुरक्षित रखने के प्रयास किये जा रहे हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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