केंद्र ने डाला ठंडे बस्ते में, उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार, सीएम बोले करेंगे लागू, फिर देरी क्यों
समान नागरिक संहिता को लेकर भले ही केंद्र सरकार फिलहाल बैकफुट पर आती नजर आ रही है, वहीं बीजेपी इस मुद्दे को गर्म रखना चाहती है। देशभर में इस कानून को लागू करने में अभी कई पेच दिख रहे हैं। आदिवासी समुदायक के साथ ही कई जाति इसका विरोध कर रही हैं। बीजेपी के ही सांसद आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखने की पैरवी कर चुके हैं। ऐसे में इसे समान नागरिक सहिंता कैसे कहेंगे, इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने फिलहाल इसे ठंडे बस्ते में डाला हुआ है। वहीं, उत्तराखंड में इसे लेकर गठित कमेटी ने ड्राफ्ट तो तैयार कर लिया है, लेकिन सरकार को नहीं सौंपा। अब सीधा सवाल ये है कि जब ड्राफ्ट तैयार है तो इसे सरकार को सौंपने और लागू करने में कहां दिक्कत है। क्योंकि, ड्राफ्ट तैयार करने की बात तो करीब डेढ़ माह से की जा रही है। इसके कारण कुछ भी हो सकते हैं, लेकिन इसे लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के बयान अक्सर आते रहते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर से समान नागरिक संहिता को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये हमने प्रदेश की जनता से वादा किया था। इसके लिये प्रदेश की देवतुल्य जनता ने हमें मैनडेट दिया है। जन अपेक्षाओं के अनुरूप हमनें इस दिशा में कदम उठाये हैं। इसमें समुदाय विशेष की कोई हानि नहीं है। उत्तराखण्ड देवभूमि है राज्य का मूल स्वरूप न बिगडे यह देखना हमारी जिम्मेदारी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समाचार एजेन्सी एएनआई को दिये गये साक्षात्कार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में कोई भी किसी पंथ, समुदाय, धर्म, जाति का हो सबके लिये एक समान कानून हो, इसके प्रयास किये गये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। समान नागरिक सहिंता सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है। आमजन का दृष्टिकोण भी इस विषय पर सकारात्मक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये गठित समिति द्वारा डेढ़ साल में 02 लाख से भी ज्यादा लोगों के सुझाव, विचार लिये। हमारा ड्राफ्ट अन्य राज्यों को भी पसंद आएगा। रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित ड्राफ्ट कमेटी प्रदेश में हर वर्ग, हर समुदाय, हर जाति के प्रमुख हितधारकों से वार्ता कर ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है। ड्राफ्ट मिलते ही इसे विधानसभा में प्रस्तुत कर लागू कर दिया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है। दो-दो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा है। धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र है। राज्य हित में उत्तराखण्ड में धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून बनाया गया है। प्रदेश में अब धर्मांतरण कराने वालों के विरूद्ध इस कानून के तहत कार्यवाही की जा सकेगी। राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन संज्ञेय एवं गैर जमानती होगा। इसमें 2 से 7 साल तक जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।