सीडीएस बिपिन रावत, पत्नी सहित 13 की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत, जानिए उनके बारे में, उत्तराखंड में कई दलों ने स्थगित किए कार्यक्रम

Gp Capt Varun Singh SC, Directing Staff at DSSC with injuries is currently under treatment at Military Hospital, Wellington.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
बताया जा रहा है कि खराब मौसम की वजह से ये हादसा हुआ है। इस हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सवार थे। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ ऊटी एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे, लेकिन कुन्नूर में घने जंगल में यह हादसा हो गया। ये हेलिकॉप्टर एमआई-सीरीज का था। इसमें सीडीएस बिपिन रावत, उनके कर्मचारी और परिवार के कुछ सदस्य सवार थे। स्थानीय लोग भी रेस्क्यू अभियान में मदद कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जो शव मिले हैं, वे 80 फीसद तक जल चुके थे। ऐसे में उनकी पहचान नहीं हो पाई है।
Gen Bipin Rawat, Chief of Defence Staff (CDS) was on a visit to Defence Services Staff College, Wellington (Nilgiri Hills) to address the faculty and student officers of the Staff Course today.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
इंडियन एयरफोर्स ने ट्विट कर दी थी दुर्घटना की जानकारी
इंडियन एयरफोर्स के ट्विटर हैंडिल में भी इसकी जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि- सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ एक IAF Mi-17V5 हेलीकॉप्टर, तमिलनाडु के कुन्नूर के पास आज दुर्घटना का शिकार हो गया। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
An IAF Mi-17V5 helicopter, with CDS Gen Bipin Rawat on board, met with an accident today near Coonoor, Tamil Nadu.
An Inquiry has been ordered to ascertain the cause of the accident.— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
Mi सीरीज के हेलीकॉप्टर ने सुलुर (Sulur) आर्मी बेस से उड़ान भरी थी, इसके कुछ ही देर बाद यह नीलगिरी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह वेलिंगटन डिफेंस एस्टेब्लिशमेंट की ओर बढ़ रहा था। स्थानीय टीवी चैनल पर दुर्घटनास्थल की तस्वीरों में गहरे धुएं और आग के साथ हेलीकॉप्टर के मलबा भी दिखाई दे रहा है। मौके पर बचाव और राहत कार्य जारी है, लेकिन जंगली इलाका होने की वजह से इसमें मुश्किलें आ रही हैं। स्थानीय लोगों और पुलिसकर्मियों द्वारा बॉडीज को ले जाया रहा है।
गौरतलब है कि 63 वर्षीय जनरल रावत ने जनवरी 2019 में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्यभार संभाला यह पद देश की तीनों सेनाओं, थल सेना, नौसेना और वायुसेना को एकीकृत करने के उद्देश्य से सृजित किया गया बाद में उन्हे नवनिर्मित, डिपार्टमेंट आफ मिलिट्री अफेयर्स का भी प्रमुख नियुक्त किया गया।
हेलिकॉप्टर में ये लोग सवार थे
1. जनरल बिपिन रावत
2. मधुलिका रावत
3. ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर
4. ले. क. हरजिंदर सिंह
5. नायक गुरसेवक सिंह
6. नायक. जितेंद्र कुमार
7. लांस नायक विवेक कुमार
8. लांस नायक बी. साई तेजा
9. हवलदार सतपाल
आइएमए में मिला था स्वॉर्ड ऑफ ऑनर
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के पूर्व छात्र रहे जनरल बिपिन रावत दिसंबर 1978 में दून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से पास आउट हुए। उन्हें 11 गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में कमीशन मिला था। अकादमी में उन्हें श्रेष्ठ में सर्वश्रेष्ठ ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ प्रदान किया गया था। उनके पास आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का 10 वर्षों का अनुभव था।
पिता डिप्टी चीफ के पद से रिटायर
जनरल रावत मूल रूप से जनपद पौड़ी-गढ़वाल के कल्जीखाल ब्लॉक के सैड गांव के रहने वाले थे। उनके पिता सेना में डिप्टी चीफ के पद से रिटायर हुए थे। जनरल बिपिन रावत के नाना ठाकुर किशन सिंह परमार उत्तरकाशी क्षेत्र से विधायक रहे हैं।
कैंब्रियन हॉल से हुई प्रारंभिक शिक्षा
सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की प्रारंभिक शिक्षा दून स्थित कैंब्रियन हॉल स्कूल से हुई। उनके पिता ले. जनरल लक्ष्मण सिंह रावत (अप्र) भी सेना में थे। सत्तर के दशक में पिता के देहरादून में पोस्टेड रहने के दौरान जनरल बिपिन रावत ने छठीं से 9वीं तक की पढ़ाई कैंब्रियन हॉल से की। इसके बाद पिता का तबादला शिमला हो गया। नौंवी से आगे की पढ़ाई उन्होंने शिमला के सेंट एडवर्ड्स स्कूल से की।
2016 में आर्मी चीफ बने थे बिपिन रावत
सीडीएस बनाए जाने से पहले बिपिन रावत 27वें थल सेनाध्यक्ष (Chief of Army Staff) थे। आर्मी चीफ बनाए जाने से पहले उन्हें 1 सितंबर 2016 को भारतीय सेना का उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था।
विशिष्ट सेवाओं के लिए हुए सम्मानित
जनरल बिपिन रावत को उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र और आतंकवाद रोधी अभियानों में कमान संभालने का अनुभव रहा। उन्होंने पूर्वी क्षेत्र में एक इन्फैंट्री बटालियन की कमान भी संभाली। एक राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर और कश्मीर घाटी में एक इन्फैंट्री डिवीजन की भी कमान संभाली है। रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज पाठ्यक्रम के एक पूर्व छात्र, जनरल बिपिन रावत, ने सेना में 38 से अधिक वर्षों तक देश की सेवा की है। इस दौरान उन्हें वीरता और विशिष्ट सेवाओं के लिए यूआईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम के साथ सम्मानित किया जा चुका है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और लीडरशिप पर कई लेख लिख चुके हैं जनरल रावत
उन्होंने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ और ‘लीडरशिप’ पर कई लेख लिखे हैं, जो विभिन्न पत्रिकाओं और प्रकाशनों में प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में एम. फिल की डिग्री हासिल की है। उन्होंने मैनेजमेंट और कंप्यूटर स्टडीज में डिप्लोमा हासिल किया है। जनरल बिपिन रावत ने सैन्य मीडिया रणनीतिक अध्ययन पर अपना शोध पूरा किया है और 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) से उन्हें सम्मानित किया गया।