पूर्व सीएम हरीश रावत के घर पहुंची सीबीआई, कोर्ट में पेश होने का दिया नोटिस
वर्ष 2016 में बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को नोटिस दिया है। सीबीआई कोर्ट के माध्यम से उन्हें वॉयस सैंपल के लिए चार जुलाई को सीबीआई कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि जब पहले सीबीआई उनके आवास पहुंची तो वह घर पर नहीं थे। इसके बाद घर पहुंचने पर हरीश रावत ने सीबीआई को खुद आमंत्रित किया। इस पर उन्हें नोटिस थमाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बृहस्पतिवार की सुबह बकरीद पर कुछ लोगों से मुलाकात के लिए वह घर से बाहर गए थे। तभी उनके पास फोन आया कि सीबीआई वाले घर आए हैं। उन्होंने पहले सीबीआई को कल आने के लिए कहा, लेकिन घर लौटने के बाद सोशल मीडिया में एक पोस्ट डालकर नोटिस आज ही देने के लिए कहा। मेरी पोस्ट पढ़कर सीबीआई बृहस्पतिवार को दोपहर तीन बजे फिर मेरे घर पहुंची और मुझे नोटिस दिया। जिसमें वॉयस सैंपल देने के संबंध में कहा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं नोटिस मिलने के बाद एक बार फिर सत्यमेव जयते का उद्घोष करते हुए रावत ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर चिंता जताई, साथ में उन्होंने कहा कि वह हर स्तर पर इस लड़ाई के लिए तैयार हैं। आखिरकार देश के सामने सच आकर रहेगा। वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के बहुचर्चित स्टिंग मामले में वायस सैंपल लेने के लिए सीबीआइ ने चार नेताओं को नोटिस जारी किए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इनमें हरीश रावत, हरक सिंह रावत के साथ ही कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंगकर्ता एवं वर्तमान में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार सम्मिलित हैं। इन नेताओं को नोटिस तामील कराए जा रहे हैं। गुरुवार सुबह दिल्ली से आई सीबीआइ की दो सदस्यीय टीम पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के आवास पर पहुंची और उन्हें नोटिस दिया।इसकी जानकारी हरीश रावत ने मीडिया पर अपनी पोस्ट में दी। उन्होंने कहा कि सीबीआइ जल्दी में थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह है मामला
वर्ष 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका एक स्टिंग करने का दावा उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, इसमें विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया। इसमें डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था। दोनों ही स्टिंग के बारे में उमेश कुमार ने दावा किया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था। बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। स्टिंग में जो आवाजें हैं उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।