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February 24, 2025

कोरोना टेस्टिंग घोटाले की कराई जाए सीबीआइ जांच, प्रायश्चित लायक नहीं है ये पापः कर्नल कोठियाल

उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी ने हरिद्वार महाकुंभ में हुए कोरोना टेस्टिंग घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग की।

उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी ने हरिद्वार महाकुंभ में हुए कोरोना टेस्टिंग घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग की। आप के वरिष्ट नेता और सीएम प्रत्याशी कर्नल (सेनि) अजय कोठियाल ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि इस घोटाले में दो अफसरों को सस्पेंड कर सरकार जांच के नाम पर इतिश्री कर रही है। हजारों की जान लेने वाले इस घोटाले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के लिए सीबीआइ जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा घोटाला बिना राजनीतिक संरक्षण के नहीं हो सकता है, लिहाजा इस मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए। ताकि असल गुनाहगारों के चेहरे बेनकाब हो सकें और उन्हें सजा दिलाई जा सके। कहा कि दो अफसरों का निलंबन करने भर से सरकार अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकती। पार्टी ने मांग की कि सरकार बताए कि इस घोटाले के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं की आस्था के पवित्र पर्व हरिद्वार महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों की कोरोना जांच को लेकर हुआ ये घोटाला बताता है कि दूसरी लहर के दौरान अपनी नाकामी छिपाने के लिए सरकार ने झूठे आंकड़े दिखा कर लाखों लोगों के जीवन को खतरे में डालने का अपराध किया। उत्तराखंड में कोरोना महामारी की भवावह तस्वीर को छुपाने के लिए लाखों की संख्या में झूठी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट तैयार की गई। ये झूठी रिपोर्टें एक ऐसी फर्म ने तैयार कीं, जिसे कोरोना जांच करने का ठेका किसी और ने नहीं, बल्कि खुद उत्तराखंड सरकार ने दिया था।
उन्होंने कहा कि लैब के जरिए एक लाख से ज्यादा झूठी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट तैयार की, ताकि यह साबित किया जा सके कि उत्तराखंड में कुंभ मेले के दौरान कोरोना का कोई प्रभाव नहीं था। हैरानी की बात ये है कि जिन लोगों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव दिखाई गई, उनमें बड़ी संख्या ऐसे लोगों की थी जो कुंभ के दौरान न तो हरिद्वार आए और न ही उनका कभी कोरोना टेस्ट हुआ। फर्जी निगेटिव जांच रिपोर्ट दिखाने के इस खेल में सरकार ने कुंभ मेले में आए लाखों यात्रियों का जीवन तो खतरे में डाला ही, साथ ही पूरे देश में कोरोना संक्रमण फैलाने की जमीन भी तैयार कर डाली। जो सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए कुंभ के दौरान झूठी रिपोर्ट तैयार कर सकती है क्या वह बाकी जांचों को लेकर भला ईमानदार हो सकती है।
कर्नल कोठियाल ने कहा कि हिंदुओं की आस्था के प्रतीक महाकुंभ में घोटाला कर भाजपा सरकार ने करोड़ों लोगों की आस्था के साथ छल किया गया। साथ ही सरकारी खजाने को भी नुकसान पहुंचाया।उन्होंने कहा, इस घोटाले का खुलासा होने के बाद से ही भाजपा के नेता जवाबदेही से बचते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पहले उनके दो पूर्ववर्तियों, त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत ने इतने बड़े घोटाले को लेकर बेहद बचकाने बयान दिए थे। जहां पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि इस घोटाले के लिए वे जिम्मेदार नहीं है, तो वहीं उनके बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि यह मामला उनके कार्यकाल से पहले का है। कुल मिलाकर दोनों पूर्व मुख्यमंत्री इतने गंभीर मामले पर लीपापोती करते रहे।
उन्होंने कहा कि कुंभ के दौरान हुआ कोरोना टेस्टिंग घोटाला और दूसरी लहर के दौरान हुई हजारों लोगों की मौत के लिए भाजपा सरकार पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। सरकार की नाकामियों के कारण कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हजारों लोगों की मौत हुई। कुंभ के दौरान कई पूजनीय संतों की इलाज न मिलने से जान चली गई। सरकार लोगों को इलाज तो छोड़िए, अस्पताल में बिस्तर और ऑक्सीजन तक दिलाने में नाकाम रही।
सरकार की नाकामी के कारण हरिद्वार कुंभ में कोरोना के कारण निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव, जूना अखाड़े के साधु स्वामी प्रज्ञानंद गिरि, पंच दशनाम जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर श्री महंत विमलगिरि, श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के महंत लाखन गिरी और संत मनीष भारती के साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पांच से ज्यादा संतों की मृत्यु हुई। बड़ी संख्या में साधु संत कोरोना संक्रमण की चपेट में आए। सरकार उनका उचित इलाज कराने में नाकाम साबित हुई।
कर्नल कोठियाल ने कहा कि ये ऐसा पाप है, जिसका प्रायश्चित नहीं हो सकता है। ये पाप भाजपा सरकार के माथे पर कलंक की तरह चिपका रहेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग करते हुए कहा इस घोटाले की सीबीआई जांच की संस्तुति करें। ताकि इस महापाप में शामिल एक-एक अपराधी को सजा दिलाई जा सके। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीर हैं, तो उन्हें तत्काल इस मामले को सीबीआइ के हवाले करना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि वे भी अपने पूर्ववर्तियों की ही तरह इस घोटाले के असल गुनाहगारों के साथ खड़े हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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