मां सरस्वती के आगमन पर, सजने लगी धरती सारी। खिलने लगे फूल रंग बिरंगे, वन, उपवन, खेतों में बारी-बारी।। मधुमास...
नारी मंच
मेरी कविता में आना श्री राम! मेरी कविता में आना। मेरी कविता बनें गीता- ज्ञान, मेरी कविता में आना॥ कविता...
ख्वाब देखना तो हसरत है इन आंखों की। पर हर ख्वाब ही मुकम्मल हो जाए ये ज़रूरी तो नहीं॥ बहुत...
एक कोशिश तो बाकी है टूटे हैं पंख अभी तो क्या, हौसलों की उड़ान बाकी है। क्षितिज तक उड़ान न...
रिश्ते क्यों रिसते हैं ये रिश्ते जान नहीं पाती हूँ स्वप्न रुलाते हैं और दिनभर गमगीन करते हैं क्यूं रिसते...
तू और तेरी जिंदगी क्या एक सपने से ज्यादा ये जीवन कुछ भी नहीं यहां हाँ ! कल ही नींद...
22 जनवरी 2024 आज राम के लिए हम सबकी निष्ठा , हो गई पूरी बन प्रभु तेरी प्राण - प्रतिष्ठा।...
धीरे -धीरे हम तारीख़ों में यूँ ही व्यतीत हो रहे हैं। लम्हा-लम्हा हम देखो यूँ हर पल अतीत हो रहे...
मत पूछिए कभी अपने माता-पिता से कि तुमने क्या किया है? जहां खुद का पेट पालना मुश्किल है, वहां उन्होंने...
युग युग से हर नारी का है मन -मनोरथ स्वतंत्रता, समानता का समानाधिकार मिले समाज के हर एक पहलू और...