भारत में फिर बढ़े कोरोना संक्रमितों के मामले, 100 दिन का टूटा रिकॉर्ड
भारत में कोरोना से फिर से वार करना शुरू कर दिया है। जिस तरह से लोग लापरवाह होते जा रहे हैं, ये इसके गंभीर संकेत हैं। साथ ही इन सबके लिए राजनीतिक दलों के साथ ही धार्मिक और विभिन्न संगठनों को जिम्मेदार ठहराना भी गलत नहीं है। कारण ये है कि कार्यक्रमों में अब लोगों ने मास्क तक लगाना बंद कर दिया है। सिर्फ माक्स नाक के नीचे ठुड्डी में या गले पर लटका रहे हैं।
बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 35871 नए मामले दर्ज किए गए जो 100 से अधिक दिनों में एक दिन में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले हैं। इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1,14,74,605 पर पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, लगातार आठवें दिन कोरोना वायरस के मामले बढ़ने से संक्रमितों की संख्या 2,52,364 पर पहुंच गई है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 2.20 प्रतिशत है।
सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, मरीजों के स्वस्थ होने की दर गिरकर 96.41 प्रतिशत हो गई है। आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 से लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 1,59,216 हो गई है।
एक दिन में कोरोना वायरस के 35,871 मामले 102 दिन में संक्रमण के सर्वाधिक मामले हैं। छह दिसंबर को संक्रमण के 36,011 नए मामले सामने आए थे। इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,10,63,025 हो गई है, जबकि मृतकों की दर 1.39 प्रतिशत है। भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पार कर गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख से पार चले गए थे।
वैश्विक महामारी के मामले 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक 17 मार्च तक 23,03,13,163 नमूनों की जांच की जा चुकी है।
राज्यों की स्थिति
अभी तक देश में इस वैश्विक महामारी से 1,59,216 लोगों की मौत हुई है। इनमें से महाराष्ट्र में 53,080, तमिलनाडु में 12,564, कर्नाटक में 12,407, दिल्ली में 10,948, पश्चिम बंगाल में 10,298, उत्तर प्रदेश में 8,751 और आंध्र प्रदेश में 7,186 लोगों की मौत हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक लोगों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने कहा-हमारे आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों से मिलान किया जा रहा है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।