सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं के इनपुट पर दर्ज होगा मुकदमा, लंबित विवेचनाओं के लिए एक जुलाई से अभियान
उन्होंने निर्देश दिए कि अपराध की रोकथाम के लिए हत्या जैसे अपराधों का अनावरण एंव संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाय। साथ ही वाहन चोरी, चेन लूट जैसी घटनाओं का खुलासा समय पर किया जाना आवश्यक है। डीजीपी ने कहा कि वर्तमान में देखा जा रहा है कि कुछ विवेचनाएं बहुत लंबे समय से लंबित हैं। अतः तीन वर्ष से अधिक समय से लंबित विवेचनाओं की पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था अगले तीन चार दिनों में संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा कर आवश्यक कार्यवाही करेंगे। इसके अलावा एक वर्ष से अधिक वर्ष से लंबित विवेचाओं के निराकरण के लिए एक जुलाई से 31 जुलाई तक अभियान चलाया जाएगा। इसमें दोनो रेंज के अधिकारी, जनपदों का ओआर करते हुए निस्तारण सुनिश्चित करवायेगें। अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में पुलिस मुख्यालय की ओर से इसकी समीक्षा की जाएगी।
साइबर अपराध भी बैठक का मुद्दा रहा। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि साइबर से संबंधित अपराधों में समय से कार्यवाही किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। शिथिलता बरतने वालों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। आवश्यकता पड़ने पर एसटीएफ तथा रेंज स्तर पर साईबर से संबंधित अपराधों एंव अपराधियों के संबंध में जनपदों से समन्वय स्थापित करवाया जाए।
साथ ही उन्होंने जनपदों में कार्यरत साईबर सैल को अधिक प्रभावी बनाते हुए इस सैल में सुयोग्य निरीक्षक एवं उप निरीक्षकों की तैनाती करने, उनके अधिकारों में वृद्धि की करने को कहा। साथ ही कहा कि साइबर से संबंधित गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसमें समस्त जनपदों में कार्यरत साइबर सैल की समीक्षा की जाएगी।
डीजीपी ने महिला उत्पीड़न सम्बन्धित अपराधों का प्राथमिकता पर निस्तारण करने, संगठित अपराध में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही करने, एनडीपीएस अपराधियों को पकड़ने की कार्रवाई तेज करने, शिकायती प्रार्थना पत्रों का निस्तारण एक माह के भीतर करने, ट्रैफिक चालान करने में ई-चालान मशीन का प्रयोग करने, सडक दुर्घटनाओं में संबंधित थाना एवं ट्रैफिक पुलिस की जिम्मेदारी भी तय करने के निर्देश दिए।
उन्होंने नामी अपराधियों की गिरफ्तारी ना होने पर उनकी इनामी धनराशि को बढ़ाने, सोशल मीडिया एवं सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सैल को एक्टीवेट करने तथा सोशल मीडिया से प्राप्त इनपुट पर कार्यवाही करते हुए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। कहा कि डायल 112 के अन्तर्गत देहरादून की तर्ज पर समस्त जनपदों में 112 के कार्यलय स्थापित किये जाएंगे। इससे चीता पुलिस, सीपीयू, इन्टरसेप्टर, डायल 112 वाहन, हाईवे पेट्रौल, एचपीयू, को जोड़ा जाएगा। विभागीय जांचों के अन्तर्गत प्राथमिक जांचों का निस्तारण शीघ्रता से संपादित करने के साथ ही उन्होंने कठिन निर्णय लेने के निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन अभिनव कुमार, पुलिस महानिरीक्षक पी/एम अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना एंव सुरक्षा संजय गुन्ज्याल, पुलिस महानिरीक्षक कार्मिक पुष्पक ज्योति, पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस उपमहानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र नीरू गर्ग, एसएसपी एसटीएफ अजय सिह के अतिरिक्त अन्य अधिकारियों ने ऑनलाईन प्रतिभाग किया गया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।