क्षैतिज आरक्षण को लेकर कैबिनेट सब कमेटी एक छलावा, 24 दिसंबर को देहरादून चलो अभियानः धीरेंद्र प्रताप
उन्होंने सरकार के इस फैसले को आंदोलनकारी विरोधी फैसला बताते हुए इसे राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के साथ खिलवाड़ बताया। साथ ही कहा कि इसके विरुद्ध 24 दिसंबर को उत्तराखंड आंदोलनकारियों के संयुक्त की ओर से मुख्यमंत्री आवास के घेराव की घोषणा की गई है। उन्होंने राज्य भर के तमाम राज्य निर्माण आंदोलनकारियों से 24 दिसंबर को “देहरादून चलो”का आह्वान किया है। (खबर जारी, अगले पैरे पर देखिए)
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी 2015 से इस मामले में भाजपा सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। सात साल गुजर जाने के बाद भी भाजपा सरकार आंदोलनकारियों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रही है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि जब वह सन 2015 में राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के अध्यक्ष थे, तब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को राजी करके 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण का बिल गैरसैण विधानसभा सत्र में पास करवाया था। अफसोस है भाजपा ने अपने राज्यपालों से इस पर कभी हस्ताक्षर कराने में रुचि नहीं दिखाई और आंदोलनकारी सपनों को धोखा दिया। (खबर जारी, अगले पैरे पर देखिए)
उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारी इस मामले में झुकेंगे नहीं और गांधीवादी सत्याग्रह के माध्यम से सरकार पर अपना दबाव बनाने का संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कहा एक और तो वे राज्य निर्माण आंदोलनकारी होने का दम भरते अघाते नहीं हैं, दूसरी और उनके मुख्यमंत्री रहते आंदोलनकारी क्षेतीज आरक्षण के सवाल पर सरकार ने “डिटले टैक्टिस” अपना ली है। इसके लिए उन्होंने उन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता। (खबर जारी, अगले पैरे पर देखिए)
उन्होंने कहां 24 दिसंबर का आंदोलनकारी सत्याग्रह संघर्ष पर्व है। इसे संघर्ष को उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, रामलाल खंडूरी अंबुज शर्मा क्रांति कुकरेती, प्रदीप कुकरेती, हरि कृष्ण भट्ट, विशंभर बांठियाल , सावित्री नेगी वीरेंद्र बजेठा आदि के साझे नेतृत्व में अंजाम दिया जाएगा।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।