भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने को ब्रिटिश सरकार की मंजूरी

ब्रिटिश सरकार ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है। इसे करीब 20 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक धोखाधड़ी करके फरार हुए कारोबारी को भारत लाने की मुहिम की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। इससे पहले ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्टने प्रत्यर्पण की याचिका मंजूर कर ली थी और इस मामले को स्वीकृति के लिए गृह मंत्री को भेज दिया था। मोदी सरकार लंबे समय से नीरव मोदी के अलावा इसी मामले में वांछित मेहुल चोकसी और ब्रिटेन में ही रह रहे विजय माल्या को भारत लाने का प्रयास कर रही है।
नीरव मोदी के पास अभी भी भारत प्रत्यर्पित किए जाने के आदेश को कानूनी चुनौती देने का आखिरी विकल्प मौजूद होगा। नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य बैंकों को एलओयू के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। ब्रिटिश सरकार की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इससे पहले ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने प्रत्यर्पण की याचिका मंजूर कर ली थी और इस मामले को स्वीकृति के लिए गृह मंत्री को भेज दिया था।
इस समय दक्षिण-पश्चिम लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद 50 वर्षीय नीरव मोदी के पास गृह मंत्री के आदेश को लंदन के उच्च न्यायालय में चुनौती देने के लिए 14 दिन का समय है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि जिला न्यायाधीश ने 25 फरवरी को नीरव मोदी प्रत्यर्पण मामले में फैसला दिया था। प्रत्यर्पण आदेश पर 15 अप्रैल को हस्ताक्षर किए गए हैं।
ये हैं आरोप
नीरव मोदी पर आरोप है कि उसने एलओयू यानी बैंक गारंटी का गलत इस्तेमाल कर अकेले पंजाब नेशनल बैंक को करीब 14 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया था। इस मामले के खुलासे के बाद से ही वह फरार चल रहा था। वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने फरवरी 2021 में जब नीरव मोदी की प्रत्यर्पण को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी, ब्रिटिश अदालत ने कोरोना की महामारी के दौरान उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने और भारत में जेलों की खराब हालत जैसी दलीलों को खारिज कर उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर मुहर लगाई थी।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।