उत्तराखंड के चमोली में त्रिशूल चोटी पर हिमस्खलन की चपेट में आए नेवी के चार पर्वतारोहियों के शव मिले, एक पोर्टर सहित दो लापता
उत्तराखंड के चमौली जिले में हिमस्खलन की चपेट में आए नौसेना के लापता चार पर्वतारोहियों के शव मिल गए हैं।

नौसेना के पर्वतारोही 7120 मीटर ऊंची माउंट त्रिशुल समिट करने गए थे। 20 सदस्यीय पर्वतारोही दल तीन सितंबर को मुंबई से रवाना हुआ था। शुक्रवार की सुबह जब दस पर्वतारोही फाइनल समिट के आखिरी चरण में थे, तभी हिमस्खलन में फंस गए। इनमें पांच को सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन बाकी पांच में से चार के शव शनिवार को मिले है। इनकी तलाश के लिए कई सारी एजेंसियों को लगाया गया था। जमीन से लेकर हेलीकॉप्टर की मदद से भी खोज की गई है। तब जाकर चार लापता नौसैनिकों के मिले। लेकिन अभी भी एक नौसैनिक और शेरपा अभी भी लापता है। शनिवार सुबह ही रेस्क्यू आपरेशन से जुड़ी हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास) की पांच सदस्यीय टीम त्रिशूल पर्वत पर साढ़े पांच हजार मीटर ऊंचाई वाले इलाके में पहुंच गई थी।
माउंट त्रिशूल चोटी 7120 मीटर ऊंची है। यह उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास), वायुसेना, थलसेना और एसडीआरएफ संयुक्त रूप से इसमें जुटे हैं।
शनिवार शाम तक मौसम ने रेस्क्यू दलों का साथ दिया, लेकिन उसके बाद मौसम की करवट ने दिक्कतें पेश की। उच्च हिमालयी क्षेत्र में रुक-रुक कर बर्फबारी भी हो रही है। दिनभर में रेस्क्यू दलों ने आठ बार उड़ान भरी। इसमें चार हेलीकाप्टर लगाए हैं।
उधर, सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि त्रिशूल पर्वत पर अभियान के दौरान हिमस्खलन के कारण चार नौसेना पर्वतारोहियों के हताहत होने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर मैं गहरा दुख और संवेदना व्यक्त करता हूं। थलसेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवने ने कहा कि चार नौसेना पर्वतारोहियों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने त्रिशूल पर्वत पर अभियान के दौरान अपनी जान गंवाई।
निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि शनिवार सुबह त्रिशूल चोटी पर करीब 5700 मीटर ऊंचाई पर हिमस्खलन वाले क्षेत्र में चार व्यक्ति बर्फ में पड़े हुए दिखाई दिए। उनकी ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दिखी है। दोपहर के समय हेलीकाप्टर के जरिये हवास के प्रशिक्षकों के साथ ही निम और सेना के जवानों का संयुक्त दल कैंप-एक के निकट पहुंचा। इस बीच, हवास के पांच सदस्यीय दल को 5500 मीटर की ऊंचाई पर बने कैंप-एक में उतारा गया। दल के कैंप-दो तक पहुंचने की सूचना है। रेकी में दिखे नौसेना के चार पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इन्हें बेस कैंप एक तक लाया गया है। अभी नौसेना का एक पर्वतारोही और पोर्टर लापता है। इधर, नौसेना ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर दूसरे दिन के रेस्क्यू अभियान की जानकारी साझा की है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।