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November 8, 2024

चाचा की दीवार पर बीजेपी ने लिख दिए नारे, भतीजे ने मिटाए, बगैर रिपोर्ट के पुलिस पकड़ कर ले गई

है ना कमाल की बात। किसी की दीवार पर स्लोगन लिख डाला और उसे ही पुलिस पकड़ ले, जिसकी दीवार पर लिखा है। उस व्यक्ति की गलती क्या है। वह तो अपनी दीवार पर बगैर अनुमति के लिखे गए स्लोगन को मिटा रहा था।

है ना कमाल की बात। किसी की दीवार पर स्लोगन लिख डाला और उसे ही पुलिस पकड़ ले, जिसकी दीवार पर लिखा है। उस व्यक्ति की गलती क्या है। वह तो अपनी दीवार पर बगैर अनुमति के लिखे गए स्लोगन को मिटा रहा था और उसे ही पुलिस पकड़ लेती है। यहां ये भी बताना जरूरी है कि जहां रिपोर्ट लिखाने के बाद पुलिस एक्शन में नहीं आती, वहीं पुलिस इस संबंध ऐसे काम करती नजर आई, जैसे बीजेपी की कार्यकर्ता हो।
घटना उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी की है। प्रेमपुर लोश्ज्ञानी में पुलिस ने किसी शिकायत और तहरीर नहीं होने के बावजूद युवक को रातभर थाने में बैठाए रखा। मामला यह था कि उसने अपने चाचा के घर की दीवार पर भाजपा के चुनाव चिह्न व स्लोगन लिखी पेंटिंग पर कालिख पोत दी। वहीं, सूचना मिलने पर सुबह कांग्रेस नेता संग बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए। दबाव बनाने पर पुलिस को युवक को रिहा करना पड़ा।
कांग्रेस प्रदेश महासचिव महेश शर्मा के मुताबिक प्रेमपुर लोश्ज्ञानी निवासी ग्रामीण सुबेग सिंह के चाचा रविन्द्र सिंह ज्ञानी की दीवार पर बगैर अनुमति के भाजपा के प्रचार की पेटिंग कर दी। बीते शनिवार को सुबेग ने पेंटिंग को मिटाने के लिए कालिख पोत दी। आरोप है कि शाम को मुखानी पुलिस सुबेग को पकड़कर थाने में ले गई। युवक को रातभर हिरासत में लेने से गुस्साए लोग कांग्रेस नेता महेश शर्मा के साथ रविवार सुबह थाने पहुंच गए। कहा कि भाजपा के इशारे पर युवक का उत्पीडन किया जा रहा है। वहीं, बगैर अनुमति के किसी के घर की दीवार पर स्लोगन लिखने के मामले में पुलिस ने आंख में पट्टी बांध ली।
लोगों ने जब ये चेतावनी दी कि यदि इस मामले में बगैर किसी कार्रवाई के सुबेग को नहीं छोड़ा गया तो कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत का पुतला फूंका जाएगा। इस बीच आक्रोशित भीड़ ने नारेबाजी भी शुरू कर दी। इसके बाद पूर्व प्रधान कृपाल सिंह बब्बू की मध्यस्थता में हिरासत में लिए युवक को पुलिस ने छोड़ दिया। थाने पहुंचने वालों में नरेन्द्र सिंह खनी, भोला भट्ट, उमेश बधानी, नरेन्द्र सिंह, रविन्दर सिंह ज्ञानी, प्रदीप नेगी, भास्कर पडलिया, बलदेव सिंह, मोनू, राम सिंह, मनप्रीत सिंह, गोपाल सिंह बोरा हरभजन सिंह समेत अन्य लोग शामिल थे। एसओ मुखानी कविन्द्र शर्मा ने बताया कि भाजपा के स्लोगन मिटा दीवार पर नो फार्मर-नो फूड लिख दिया गया। शांतिभंग या हंगामे की आशंका पर पुलिस खुद ही युवक को लेकर आई थी। रविवार सुबह उसे छोड़ दिया गया।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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