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February 4, 2025

कांग्रेस के प्रदर्शन को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत ने कहा नौटंकी, बोले-काग्रेस के कार्यकाल से महंगाई का स्तर कम, देखिए आंकड़े

महंगाई को लेकर कांग्रेस जहां प्रदर्शन कर रही है, वहीं भाजपा उसे कांग्रेस के शासनकाल की याद दिलाकर काउंटर कर रही है। महंगाई को लेकर भाजपा के अपने तर्क हैं।

महंगाई को लेकर कांग्रेस जहां प्रदर्शन कर रही है, वहीं भाजपा उसे कांग्रेस के शासनकाल की याद दिलाकर काउंटर कर रही है। महंगाई को लेकर भाजपा के अपने तर्क हैं। शायद इसका भी जवाब होगा कि जब कच्चे तेल की कीमत ज्यादा थी तो पेट्रोल और डीजल के दाम तब कम कैसे थे। आज जब उलट स्थिति है तो दाम क्यों बढ़ रहे हैं। शायद भाजपा नेताओं के पास इसका तर्क भी होगा कि करोड़ों रुपये के ऋण लेकर जमीन खरीदने और भवन बनाने के बाद लोगों ने जो प्राइमरी स्कूल खोले थे, लॉकडाउन के बाद उनमें ताला लग गया। इससे स्कूल के स्वामी तो बर्बाद हुए, साथ ही वहां के शिक्षक और कर्मचारी भी बेरोजगार हुए। इन लोगों के रोजगार के लिए क्या किया गया। क्या उनसे मनरेगा में फावड़े चलाए गए।
इन मुद्दों पर न तो कभी विपक्ष ने उठाया और न ही सरकार की ओर से ऐसे लोगों को मदद की गई। इसी तरह अन्य छोटे छोटे उद्योग धंधे चोपट हुए और बेरोजगार लोगों के लिए किस योजना में काम किया गया। जी हां इन सबका जवाब भी सत्ताधारियों के पास है। कई मीडिया संस्थान से पत्रकार निकाल गए। इसी तरह अन्य संस्थानों से भी छंटनी की गई। उनका क्या हुआ। इस खबर को पढ़ो और जानो की देश कैसे तरक्की कर रहा है।
कांग्रेस नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज अपने एकांकी कार्यक्रम के तहत महंगाई के खिलाफ देहरादून में कांग्रेस मुख्यालय से गांधी पार्क तक ऑटो रिक्शा खींचकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कंधे पर गैस सिलेंडर रखा और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। कांग्रेस के इस प्रदर्शन पर उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रतिक्रिया देने में जरा भी देर नहीं लगाई।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि महंगाई को लेकर कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत नौटंकी कर रहे हैं। भगत ने कहा कि बेशक, डीजल और पेट्रोल के दाम कुछ बढ़े है, लेकिन महंगाई अभी उस स्तर से बहुत दूर है जो कि कांग्रेस के कार्यकाल में रही है। आम लोगों के दैनिक उपयोग की खाद्यान्न वस्तुयें आसानी से पहुँच में है।
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश की अर्थ व्यवस्था प्रगति की ओर है और कई अंतरास्ट्रीय संस्थाओ के शोध में यह बात सामने आई है। भगत ने कहा कि कोरोना संकट के बावजूद देश की अर्थ व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था बार्कलेज का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.5 प्रतिशत की ग्रोथ रेट से बढ़ेगी। पहले इसने 2021-22 के लिए 7 प्रतिशत ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था। क्योंकि दुनिया की दूसरी सबसे अधिक आबादी वाले देश में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है। गोल्डमैन सैश ने 2020-21 में भारत की जीडीपी के 13 प्रतिशत की रफ्तार से ग्रोथ करने का अनुमान जताया है।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही सेंसेक्स ने जून 2014 में पहली बार 25 हजार के स्तर को छुआ था। मोदी राज में पिछले 6 साल में 25 हजार से 50 हजार तक के सफर तय कर सेंसेक्स दो गुना हो गया है। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान अप्रैल 2014 में सेंसेक्स करीब 22 हजार के आस-पास रहता था।
रोज रिकॉर्ड तोड़ता शेयर बाजार इस बात का सबूत है कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में जिस तरह देश आगे बढ़ रहा है।उससे तमाम क्षेत्रों की कंपनियों में विश्वास जगा है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे आर्थिक सुधारों के कदम उठाने के बाद कोरोना काल में भी आर्थिक जगत में मोदी सरकार की साख मजबूत हुई है और कंपनियां, शेयर बाजार, आम लोग सभी सरकार की नीतियों पर भरोसा कर रहे हैं। जाहिर है यह भारतीय अर्थव्यवस्था मनिवेशकों के भरोसे को दिखाता है।
रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा यानी विदेशी मुद्रा एसेट्स 150 मिलियन डॉलर बढ़कर 541.791 अरब डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा भंडार ने 5 जून, 2020 को खत्म हुए हफ्ते में पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार किया था। इसके पहले यह आठ सितंबर 2017 को पहली बार 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था। जबकि यूपीए शासन काल के दौरान 2014 में विदेशी मुद्रा भंडार 311 अरब डॉलर के करीब था।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के बावजूद 2020-21 के अप्रैल-अगस्त में देश में 27.1 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है। यह 2019-20 की समान अवधि में आए 23.35 अरब डॉलर के निवेश से 16 प्रतिशत ज्यादा है। इसके साथ ही 2008 से 2014 में 231.37 अरब डॉलर की तुलना में 2014 से 2020 में कुल एफडीआई प्रवाह 55 प्रतिशत उछलकर 358.29 अरब डॉलर रहा। मंत्रालय के अनुसार सरकार की ओर से पिछले छह साल में किए गए सुधारों से एफडीआई में तेजी आई है। इसके साथ ही उन नीतिगत बाधाओं को भी दूर किया गया है, जो निवेश प्रवाह को बाधित कर रहे थे। निवेश को सुगम बनाने और कारोबार सुगमता के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं।
भगत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत बनी हुई है। कोरोना महामारी और तमाम विपरीत परिस्थियों के बावजूद मोदी सरकार की नीतियों के चलते देश की इकोनॉमी वृद्धि कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र की दूरदर्शी योजनाओं के चलते राज्य विकास की ओर अग्रसर है और लोग अब कांग्रेस के भ्रामक प्रचार से ऊब चुके हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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