बीजेपी विधायकों ने कहा- रद्द करो यूकेएसएसएससी की परीक्षा, सीएम धामी ने मानी बात, ले लिया बड़ा फैसला
बेरोजगार युवकों के साथ ही विपक्षी कांग्रेस की ओर से जो मांग उठाई जा रही थी, उस मांग का एक बिंदु को उत्तराखंड के सीएम धामी ने मान लिया था। वो बिंदु था कि उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय पटवारी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। वहीं, अन्य मांग में हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से कराने, 21 सितंबर को लीक हुई परीक्षा को रद्द कर नई परीक्षा की तिथि घोषित करने की मांग को लेकर कांग्रेस के साथ ही युवक मुखर थे। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास कूच भी किया, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। अब अचानक एक दिन पूर्व यानि कि शुक्रवार को बीजेपी बीजेपी के कुछ विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम धामी से मुलाकात की। उन्होंने सीएम से कहा कि छात्रहित में स्नातक स्तरीय पटवारी भर्ती परीक्षा निरस्त करने कर दी जाए। अब खबर ये है कि परीक्षा निरस्त कर दी गई है। साथ ही तीन माह के भीतर दोबारा परीक्षा कराने के सीएम ने निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज शनिवार 11 अक्टूबर 2024 को कुछ मीडिया में खबर है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा को धामी सरकार ने रद्द करने का बड़ा फैसला लिया है। इसके लिए गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग ने आज अपनी रिपोर्ट सीएम धामी को सौंपी। आयोग ने 21 सितंबर को प्रदेश में स्नातक स्तरीय परीक्षा कराई थी, जिसमें करीब एक लाख पांच हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
परीक्षा में हरिद्वार के एक केंद्र से पेपर के तीन पेज मोबाइल के माध्यम से बाहर आ गए थे और परीक्षा के दौरान ही सोशल मीडिया में वायरल हो गए थे। मामले में छात्रों ने परीक्षा रद्द करने और सीबीआई जांच की मांग को लेकर आंदोलन किया था। जब आंदोलन बढ़ता चला गया तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद आंदोलन स्थल पर पहुंचे थे और सीबीआई जांच की घोषणा कर दी। साथ ही कहा कि वे युवाओं के भले के लिए तत्पर हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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सीएम धामी ने मामले में एसआईटी गठन के साथ ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता वाले एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन भी किया था। एक तरफ सीएम ने पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी तो जांच आयोग ने देहरादून, हल्द्वानी समेत कई शहरों में जनसंवाद कर अभ्यर्थियों, शिक्षकों की राय जानी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जांच आयोग ने सभी जगह हुए जनसंवाद के आधार पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार परीक्षा रद्द करने को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। उधर, भाजपा विधायक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सीएम धामी से मिलकर परीक्षा को छात्रहित में रद्द करने और दोबारा कराने की मांग की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी विधायकों ने भी परीक्षा रद्द कराने की उठाई थी मांगशुक्रवार को भाजपा विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात कर छात्रहित में स्नातक स्तरीय परीक्षा निरस्त करने पर विचारा का आग्रह किया था। साथ ही राज्य में अब तक 25 हजार से अधिक नियुक्तियां और सीबीआई जांच पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया था। इस प्रकरण को लेकर छात्रों की भावनाओं से अवगत कराया गया। हालांकि, फिलहाल प्रदेश भर में करीब 80 हजार से ज्यादा सरकारी विभागों में पद रिक्त बताए जा रहे हैं। जब सीएम धामी ने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो उन्होंने कहा था कि वह जो बोलेंगे उसे हर हाल में लागू करेंगे। उस दिन उन्होंने छह माह के भीतर सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पदों को छह माह के भीतर भरने का दावा किया था। हालांकि, करीब चार साल में सिर्फ 25 हजार पद भरने का दावा ही किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में सीएम से हुई मुलाकात का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों के प्रतिनिधिमंडल में खजान दास, दिलीप सिंह रावत, विनोद कंडारी, बृज भूषण गैरोला, दुर्गेश्वर लाल, सुरेश चौहान, मोहन सिंह बिष्ट , रेणु बिष्ट शामिल रहे। इस दौरान उन्होंने पार्टी की तरफ से सौंपे ज्ञापन पत्र में हाल में संपन्न स्नातक स्तरीय uksssc परीक्षा को छात्रहित में निरस्त करने पर विचार करने का आग्रह किया था। इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान भी मौजूद रहे। फिलहाल अभी हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से कराने के संबंध में सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




