जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे, भाजपा नेता पर लगे सरकारी जमीन कब्जाने के आरोप
जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का। यही कहावत उत्तरकाशी के पुरोला में चरितार्थ होती नजर आ रही है। पुरोला नगर पंचायत के मनोनीत सदस्य एवं भाजपा नेता पर ही सरकारी जमीन कब्जाने के आरोप लगे। यह मामला जब तूल पकड़ा तो प्रशासन भी अब कार्रवाई की बात कह रहा है। वहीं, भाजपा संगठन इस मामले में चुपी साधे है।
कभी देहरादून में महापौर पर बेटी की सरकारी नौकरी लगाने के आरोप लगे तो कहीं, सत्ताधारी भाजपा के दूसरे नेताओं पर। हालांकि ऐसे मामलों को राजनीतिक द्वेष के रूप में भी देखा जाता रहा है। विपक्ष को मौका मिलता है और वो हमलावर हो जाती है। यहां अब उत्तरकाशी में ऐसा ही एक मामला सामने आया।
आरोप है कि पुरोला नगर पंचायत के मनोनीत सदस्य बलदेव रावत ने नगर पंचायत कार्यलय से सटी भूमी पर कब्जा कर चारदिवारी का निर्माण आरंभ कर दिया था। इसे स्थानिय प्रशासन ने फिलहाल रोक दिया है। अब नगर में चर्चाओं का बाजार गर्म है, कि क्या जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार इस सदस्य को हटाएगी या बनाए रखेगी ।
इस मामले में विपक्षी दलों के साथ ही क्षेत्रीय लोगों में रोष है। आरोप है कि यहां अंबेडकर पार्क व पुस्तकालय के लिए प्रस्तावित करीब 2 नाली सरकारी भूमि पर कब्जा किया गया। अंबेडकर जागृति मंच की शिकायत पर फिलहाल प्रशासन ने निर्माण कार्य में रोक लगा दी। वहीं, पुरोला के उप जिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी का कहना है कि उन्हें सरकारी जमीन पर बुनियाद भरने की शिकायत मिली थी। इस पर राजस्व टीम ने पैमाइश की। सरकारी जमीन निकले पर निर्माण पर रोक लगा दी है। उन्होंने बताया कि नगर पंचायत से मौके पर तारबाड़ और बोर्ड लगाने को कहा गया है।