राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के साथ भाजपा सरकार ने किया छलावा: सूरज नेगी
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सूरज नेगी ने उत्तराखंड भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने शुरू से लेकर आज तक राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारियों को हाशिए पर रखा है।

नेगी ने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान आंदोलनकारियों को 10 फीसद आरक्षण का मामला हो, या जिन आंदोलनकारियों को कांग्रेस काल में राजकीय सेवाओं में समायोजित किया गया है और आज न्यायालय द्वारा उनकी सेवा समाप्त करने के लिए लिए गए निर्णय के खिलाफ मजबूती से पैरवी करने का मसला हो। या सभी आंदोलनकारियों को समान पेंशन दिए जाने का प्रकरण हो, राज्य स्थापना दिवस और अन्य राष्ट्रीय पर्व पर आंदोलनकारियों की भागीदारी सुनिश्चित करने का मामला हो। हर समय सरकार की आंदोलनकारियों की अनदेखी की गई।
सूरज नेगी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद नौकरशाहों और राजनेताओं के दिन जरूर बहुरे हों, मगर राज्य आंदोलन में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले आंदोलनकारियों को हर स्तर पर संघर्ष ही करना पड़ा। कई आंदोलनकारी आज भी अपने को आंदोलनकारी घोषित करने को लेकर संघर्ष जारी रखे हैं। राजनेताओं की ओर से शासन सत्ता मिलने के बाद आंदोलनकारियों के योगदान को भाषणों में तो खूब बखान किया जाता है, परंतु धरातल पर स्थिति यह है कि अफसरशाही के आगे सब बोने बन कर रह जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा आंदोलनकारी की पेंशन में सिर्फ आंशिक बढ़ोतरी की गई है, जबकि विधायक और अधिकारियों की सुविधा में प्रदेश का खजाना जमकर लुटाया जा रहा है। भ्रष्टाचार की गंगा उत्तराखंड में लगातार बह रही है। शराब माफिया भू माफिया और खनन माफिया सरकार और अधिकारियों को चारों तरफ से घेरे हुए हैं। राज्य में बेरोजगारी से युवा त्राहिमाम कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि सातक दिसंबर को राज्य सरकार की ओर से गैरसैंण में शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही राज्य निर्माण आंदोलनकारी उत्तराखंड के वरिष्ठ आंदोलनकारी व चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप के नेतृत्व एक दिवसीय धरना दिया जाएगा। इस दौरान आंदोलनकारी मांगों पर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे। उन्होंने सभी आंदोलनकारी मंचो से भी अपील की है कि भाजपा सरकार के इस आखिरी सत्र के दौरान सभी आंदोलनकारी एकजुटता के साथ राज्य के मसलों व राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की अनदेखी के खिलाफ गैरसैंण से संघर्ष का बिगुल फूकने के लिए एकजुटता के साथ तैयार रहें।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।