अपनी विफलताएं छिपाने को हर मामले को साम्प्रदायिक रंग दे रही है भाजपा सरकार: बीजू कृष्णन
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी के सदस्य एवं उत्तराखंड राज्य कमेटी के प्रर्यवेक्षक बीजू कृष्णन ने केंद्र और प्रदेशों की बीजेपी सरकार पर जमकर सियासी हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हरेक क्षेत्र में विफल साबित हुई है। इसलिये वह हरेक मामले को साम्प्रदायिक रंग देकर जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटका रही है। बीजू कृष्णन देहरादून में पार्टी के राज्य कार्यालय में सीपीएम की दो दिवसीय राज्य कमेटी की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा निरन्तर धर्म और राजनीति में घालमेल कारपोरेट हितों के लिये कर रही है। एक ओर वह सुनियोजित ढंग से जनता को धर्म के नाम पर भिड़ा रही है, तो दूसरी तरफ रोजगार खत्म कर रही है। मंहगाई बढ़ाकर जनता का दोहरा शोषण कर रही है । उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कभी लव जेहाद, तो कभी लैंड जेहाद, तो हल्द्वानी जैसी धटनाओं को हवा देकर जनता का साम्प्रदायिक धुव्रीकरणं करने में लगी हुई है। ताकि आगामी लोक सभा चुनाव में इसका लाभ उठा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि आज उत्तर भारत में बीजेपी की बड़ी संख्या में लोकसभा सीटें खतरे में है। इसलिये भारत रत्नों की एक के बाद घोषणा कर रही है। साथ ही अपने राजनैतिक विरोधियों पर ईडी, सीबीआई के छापे डलवाकर उन्हें तंग कर रही है। विपक्षी सरकारों की नाकेबंदी कर उन्हें अस्थिर कर संवैधानिक परम्पराओं का उल्लंघन आम बात है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीपीएम के राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी ने कहा है कि धामी सरकार की लगभग सभी योजनाऐं को कारपोरेट हितों की पूर्ति कर रही है। राज्य में भूमि कानूनों में संशोधन का लाभ भी बड़े लोगों को ही मिल रहा है। इस सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता कानून बनाना राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय में असुरक्षा फैलाने की उसकी सोची समझी नीति का हिस्सा है। बैठक में 16 फरवरी 024 की मजदूर हड़ताल का समर्थन करते हुऐ सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उसने अपने साम्प्रदायिक एवं जनविरोधी एजेण्डे को लागू करने की कोशिश की तो पार्टी इसके खिलाफ आन्दोलन खड़ा करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक कि अध्यक्षता गंगाधर नौटियाल ने की। बैठक में सुरेन्द्र सिंह सजवाण, इन्दु नौडियाल, राजेन्द्र पुरोहित, शिवप्रसाद देवली, भूपालसिंह रावत, महेन्द्र जखमोला, लेखराज, नितिन मलेठा, भगवान सिंह राणा,राजाराम सेमवाल ,विरेन्द्र गोस्वामी ,मदन मिश्रा ,कमरूद्दीन ,माला गुरूंग ,दमयंती नेगी, शम्भू प्रसाद ममगाई, एन एस पंवार, विजय भट्ट, सुरेन्द्र रावत, आरपी जोशी, कमलेश गौड़, अनन्त आकाश आदि ने विचार व्यक्त किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में उठाई गई ये मांगे
(1) हल्द्वानी की घटना की न्यायिक जांच की जाए।
(2) हल्द्वानी में शांति बहाली व पीड़ितों की समुचित मदद हो।
(3) दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाए।
(4) समान नागरिक संहिता बिल वापस हो।
(5) बिजली व पानी का निजीकरण वापस लिया जाए।
(6) स्मार्ट सिटी के नाम पर धन का दुरूपयोग बन्द हो, प्रस्तावित नये शहरों की योजनाओं को निरस्त करो।
(7) मलिन बस्तियों का नियमतिकरण हो, रेहड़ी, पटरी, फेरी तथा फुटपाथ लधु व्यवसायियों का उत्पीड़न बन्द हो। इनके लिऐ वैन्डरजोन बनाये जाएं।
(8) जंगली जानवरों, आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा की जाए।
(9) ग्राम समाज, नगर निगम, नजूल भूमि तथा डूब क्षेत्र में बसी आबादी को अतिक्रमण के नाम से बेदखल ना किया जाए। इनका नियमतिकरण किया जाए।
(10) छूटे हुऐ उत्तराखंड आन्दोलनकारियों का तत्काल चिह्नीकरण हो।
(11) मलिन बस्तियों का नियमतीकरण हो। एलिबैटेड रोड के नाम पर बिन्दाल, रिस्पना की बस्तियों को उजाड़ना बन्द करो।
(12) पीएसीएल के बकायादारों का भुगतान करो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
(13) जनविरोधी नया वैक्लिल एक्ट वापस हो।
(14) राज्य सरकार साम्प्रदायिक एवं विभाजनकारी यूसीसी विधेयक वापस ले।
(15) मलिन बस्तियों में जन सुविधाएं दी जाऐ।
(16) एन एच 72 बल्लूपुर -पांवटा राष्ट्रीय राजमार्ग भुगतान में पारदर्शिता लाई जाए।
(17) गन्ना का 500रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया जाए।
(18) आउटसोर्स, ठेका प्रथा कर्मचारियो, ई -रिक्शा, रेहड़ी, पटरी तथा फैक्टरी में काम करने वालों का उत्पीड़न रूके। नगर निगम सहित सभी विभागों के अस्थाई कर्मचारियों को समुचित वेतन एवं सुविधाएं दी जाए।
(19) असंगठित क्षेत्र आंगनवाड़ी, आशा, भोजन माताओं को काम के अनुसार वेतन दिया जाए।
(20) नई पेंशन स्क्रीम रद्द करते हुए पुरानी पेंशन स्कीम बहाल कि जाए।
(21) भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड में सभी मजदूर संगठनों का प्रतिनिधित्व हो।
(20) राज्य में विभिन्न विभागों में रिक्त पद हैं, इनकी संख्या लगभग 50 हजार है। इन्हें तत्काल भरा जाए।
(21) उत्तराखण्ड परिवहन निगम के ढांचे को प्रभावी बनाने के लिए इसे आर्थिक पैकेज दिया जाए।
(22) डबल इन्जन सरकार कारपोरेट एवं जनविरोधी योजनाओं को राज्य में लागू करना बन्द करें।
(23) जनविरोधी संशोधित राष्ट्रीय राजमार्ग कानून वापस लिया जाए।
(24) अवैज्ञानिक तथा अनियोजित विकास योजनाओं के बजाय जनपक्षीय योजनाओं को लागू किया जायए।
(25) किसानों को लाभकारी मूल्य निश्चित किया जाये।
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