Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 19, 2025

बीजेपी सरकार ने युवाओं के सपनों को तोड़ा, सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार, हो सीबीआइ जांचः लालचंद शर्मा

उत्तराखंड में बीजेपी सरकार पर विभिन्न सरकारी नौकरी में घोटाले को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार हमले किए जा रहे हैं। साथ ही तमान नौकरियों के मामलों की सीबीआइ जांच की मांग उठाई जा रही है। कांग्रेस बीजेपी पर युवाओं के सपने तोड़ने का आरोप लगा रही है। देहरादून महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लाल चंद शर्मा ने राज्य में विभिन्न भर्तीयों में हो रहे घोटालों पर प्रदेश सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य की जनता ने बहुत आशा और विश्वास के साथ भाजपा को भारी बहुमत के साथ डबल इंजन का तोहफा दिया था। इसके बावजूद भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का दावा करने वाली उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार भ्रष्टाचार रोकने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। राज्य सरकार द्वारा नौजवानों को रोजगार मुहैया कराना तो दूर, जिन सरकारी पदों पर अभी तक भर्तियां की भी गई, उनमें भारी भ्रष्टाचार एवं भाई भतीजावाद को अंजाम दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एक बयान में उन्होनें कहा की उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से वीपीडीओ एवं अन्य पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में 15- 15 लाख रुपये लेकर पेपर लीक कर नौकरियां बेचने का मामला राज्य के सरकारी विभागों की भर्तियों में भारी भ्रष्टाचार का जीता जागता प्रमाण है। भाजपा नेताओं के संरक्षण में हुए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में लगातार हो रही गिरफ्तारियों से साबित हो गया है कि भाजपा सरकार के साढ़े पांच साल के कार्यकाल में राज्य में भ्रष्टाचार किस हद तक फलता फूलता रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होनें कहा की राज्य के सहकारिता विभाग में विभिन्न पदों पर हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार एवं अनियमित्ता तथा भाई भतीजावाद की पहले ही पोल खुल चुकी है। सहकारी बैंकों में 61 पदों पर हुई भर्तियों में बैंक अध्यक्ष, सचिव तथा अधिकारियों पर मिलीभगत कर अपने रिश्तेदारों चहेतो को रेवड़ी बांटने के आरोपों से ऐसा प्रतीत होता है कि सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाले को राज्य सरकार की छत्रछाया में अंजाम दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होनें कहा की स्वयं भाजपा सरकार में तत्कालीन राज्यमंत्री यतीश्वरानंद व ज्वालापुर से भाजपा विधायक सुरेश राठौर ने तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिख कर अवगत कराया कि सहकारिता बैंक भर्ती के नाम पर करोड़ों वसूले जा रहे हैं। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में स्नातक परीक्षा में हुए घोटाले तथा सहकारिता विभाग की भर्तियों में हुए घोटालों के खुलासे तथा सचिवालय रक्षक के 33 पदों तथा न्यायिक कनिष्ठ सहायक के 288 पदों पर हुई भर्ती की जांच के आदेशों से स्पष्ट हो गया है कि सभी भर्तियों में गड़बड़ी हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि इससे पूर्व फॉरेस्ट गार्ड भर्ती, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम विकास अधिकारी, एलटी भर्ती सहित कई विभागों की लिपिकीय व चालकों की भर्ती में भी भारी घोटाला हुआ है। यह सभी भर्तियां संदेह के घेरे में हैं। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा में हुए घोटाले के खुलासे के बाद सबसे पहले जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई, वह उसी कंपनी से जुड़ा है, जिस कंपनी ने इसी वर्ष विधानसभा चुनावों से पहले विधानसभा सचिवालय के लिए सीधी भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष की ओर से विधानसभा सचिवालय के लिए हुई सीधी भर्ती के परीक्षा परिणाम पर रोक लगाना भर्ती घोटाले की ओर इशारा करता है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घोटाले में अब तक जितने भी घोटालेबाज पुलिस की गिरफ्त में आए हैं, वे सिर्फ मोहरे मात्र हैं। सभी भर्ती घोटालों की उच्च स्तरीय जांच से ही असली घोटाले बाजों तक पहुंचा जा सकता है। जो कि राज्य हित में अत्यंत आवश्यक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार मांग करती आ रही है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, सहकारिता विभाग, शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों में हुए घोटालों की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए। जिससे इन घोटालों में सत्ता प्रतिष्ठान, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, सचिवालय, विधानसभा में बैठे बड़े-बड़े चेहरे बेनकाब हो सकेंगे। उन्होनें यह भी कहा की सचिवालय रक्षक भर्ती में लखनऊ की जिस कंपनी का कर्मचारी पकड़ा गया है, उसके मालिक राजेश चौहान ने अकूत संपत्ति अर्जित की है। इस कंपनी का वार्षिक टर्नओवर 111 करोड़ रुपये के आसपास है। उसकी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के साथ आरएमएस टेक्नोटच सॉल्यूशन कंपनी भी काम कर रही है। सचिवालय रक्षक भर्ती का पेपर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रिंटिंग प्रेस से चोरी हो गया और अफसरों को भनक तक नहीं लगी। आयोग में पेपर छापने जैसे संवेदनशील काम के दौरान वहां चेकिंग या निगरानी क्यों नहीं की गई, जो निजी कंपनी का कर्मचारी पेन ड्राइव में पेपर ले गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने सवाल किया कि आयोग की प्रेस में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी क्या कभी देखी नहीं। जिससे इस करतूत का पता चल सकता। निजी कंपनी के कर्मचारी और उसकी टीम के पास पेपर सेट करने या छापने के दौरान आयोग के कोई जिम्मेदार अफसर या कर्मचारी नहीं थे? जो आरोपी ने पेपर चोरी की हिमाकत कर डाली। सभी घोटालों में बड़ी घोटालेबाज अभी पकड़ से बाहर हैं। एसआइटी पर राजनीतिक दबाव पड़ना भी स्वाभाविक है। ऐसे में सभी मामलों की सीबीआइ से जांच कराई जानी चाहिए।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page