हरिद्वार में कांग्रेस के उपवास को भाजपा ने बताया नौटंकी, आपातकाल की दिलाई याद, मनाया काला दिवस
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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने कहा कि कोरोना काल में भाजपा जहां जनता की सेवा में लगी रही, तो कांग्रेस धरना प्रदर्शन में ही लगी रही। उसका मकसद महज विरोध करना रहा और भाजपा सेवा कार्यो में जुटी रही। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में आरटी-पीसीआर रिपोर्ट में गड़बड़ी की सूचना पर सरकार ने समय गंवाए बिना जांच के आदेश दिए और वर्तमान में एसआइटी जांच कर रही है। मामले की हाई कोर्ट मॉनिटरिंग कर रहा है। वहीं, कांग्रेस को महज राजनीति करनी है।
उन्होंने कहा कि उपवास के बजाय कांग्रेस को आज 25 जून को उन सभी लोगों से माफी मांगनी चाहिए जो उनके नेताओं के द्वारा प्रताड़ना के शिकार हुए। आपात काल में न्यायपालिका को कमजोर करने और चौथे स्तम्भ को बुरी तरह से कुचल दिया गया। यह भारत के लोकतंत्र पर काला धब्बा है। कांग्रेस को हर साल 25 जून को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। इससे लोगों के बीच यह सकारात्मक संदेश जाएगा कि कांग्रेसी अपने पूर्वजो के कारनामों का पाश्चताप कर रहे हैं। इसके लिए कांग्रेस को अपना बड़ा दिल करना होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इसी जिद से वह देश की लोकतान्त्रिक व्यवस्था में सिकुड़ती जा रही है। यही परंपरा आगे चल रही है। पकिस्तान या चीन से तनाव के वक्त हमेशा उनके सुरों में बोलना, सर्जिकल स्ट्राइक के सुबूत मांगना, कश्मीर से धारा 370 हटाने पर नाराजगी, 370 की बहाली का भरोसा जैसे वक्तव्य से कांग्रेस यह साबित करने में जुटी है कि उसका रवैया नहीं बदला है। भाजपा ने प्रदेश भर में मीसा बंदियों को सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र पर लगा यह धब्बा मिट तो नहीं सकता, लेकिन कांग्रेस को अपने व्यवहार और आचरण से इसकी तपिश को कम करने के लिए आगे आना चाहिए।
भाजपा ने मनाया काला दिवस, मीसा बन्दियो का किया सम्मान
45 साल पहले देश में थोपी गए आपातकाल को लोकतंत्र पर काला धब्बा बताते हुए भाजपा ने आज काला दिवस मनाया और मीसा के बन्दियो को सम्मानित किया। आज प्रदेश कार्यालय में वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमे कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने की। मुख्य वक्ता नैनीताल सांसद अजय भट्ट रहे और कार्यक्रम संयोजक प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेन्द्र भसीन रहे।। कार्यक्रम में पूरे प्रदेश से भजपा के कार्यकर्ता वर्चुअल रूप से जुड़े। कार्यक्रम में 21 साल की उम्र में आपातकाल में जेल गए हयात सिंह मेहरा को सम्मनित किया गया
प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा 1975 के बाद कांग्रेस ने कभी भी पश्चाताप नही किया। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि पुरानी पीढ़ी गलती करती है तो उसकी आने वाली नई पीढ़ी माफी मांगती है कि हमारे पूर्वजो से गलती हो गयी थी, लेकिन कांग्रेस की इस पीढ़ी की जिद के चलते यह संभव नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कांग्रेस में लोकतंत्र की हत्या करने की होड़ रही है। कभी संसद में बिल की प्रति फाड़ी जाती है तो कभी कांग्रेस सेना से सबूत मांगती है। उन्होंने कहा अगर कांग्रेस लोकतंत्र में जनता का साथ नही देगी तो बहुत जल्द हमारा देश कांग्रेस मुक्त हो जाएगा
कौशिक ने कहा कि आज कोई राजनेता के खिलाफ एफआईआर होती है तो देश में उसकी चर्चा होती है। आपातकाल में जो लोग जेल में गए थे, उनको जेल जाते समय ये भी पता नहीं था कि वो वापस घर आएंगे भी या नहीं आएंगे। उन्होंने कहा जब-जब देश संकट में आया तब चाहे हम जनसंघ हों या भाजपा हमेशा हम देश के साथ खड़े रहें। आज जब देश संकट में आया तब कांग्रेस ने सिर्फ देश को बदनाम करने का काम किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अजय भट्ट ने कहा की आज हम एक ऐसे विषय पर बात कर रहे जो देश पर काला धब्बा है। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र में सबको जीने का हक है और सबके मौलिक अधिकार है। विश्व मे सबसे मजबूत लोकतंत्र हमारा है। अगर, मौलिक अधिकारों का हनन होता है तो भी हम न्यायालय जा सकते है, लेकिन 25 जून 1975 को देश पर एक धब्बा लगा दिया गया। दुर्भाग्य है कांग्रेस ने कभी भी इसकी भत्सर्ना नही की। जब किसी अखबार को कोई खबर छापनी होती थी तो खबर छापने की अनुमति लेनी होती थी।
उन्होंने बताया उस समय पुलिस महानिरीक्षक प्रधान संपादक की भूमिका में आ गए थे और उस समय दो प्रकार के समाचार पत्र हुआ करते थे। एक मित्र समाचार पत्र और दूसरा शत्रु समाचार पत्र होता था। मित्र समाचार पत्र को विज्ञापन मिलते थे और शत्रु पत्र की मान्यता ही खत्म कर दी गयी थी।
प्रदेश महामंत्री भाजपा कुलदीप कुमार ने कहा 25 जून 1975 कला दिवस एक ऐसा दिन जिसे कोई भी भारतीय नही भूल सकता। इन्दिरा ग़ांधी ने सिर्फ अपने सत्ता के सुख को बनाये रखने के लिए लोकतंत्र की हत्या कर दी और देश के अंदर आपातकाल लगा दिया। देश की जनता को ढूंढ ढूंढ कर जेल में डाल दिया गया 3 लाख लोगो को जेल में डाला गया।
कुलदीप ने कहा नई पीढ़ी के लोग तो आपातकाल की विभीषिका को तक नहीं जानते मगर पुरानी पीढ़ी के लोगों को आज भी देश के लोकतांत्रिक इतिहास का वह सबसे काला दिन अच्छी तरह याद है। आपातकाल का यह दौर 21 महीने तक चला था और उस समय हुई कई घटनाओं ने आपातकाल की पटकथा लिखी थी।
कार्यक्रम संयोजक डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 25 जून 1975 को रात बारह बजे से देश में आपातकाल लाद दिया था। आपातकाल के दौरान नागरिकों के सभी मूल अधिकार खत्म कर दिए गए थे और विरोध करने वाले सभी राजनेताओं को जेल में डाल दिया गया था। उन्होंने कहा यह दिन इतिहास के पन्नों में यह काले दिन के तौर पर दर्ज हुआ। कार्यक्रम पूरे प्रदेश के सभी जिलाकेन्द्रों पर का आयोजित किया गया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।