ओडिशा में जिला परिषद के चुनाव में बीजेडी का शानदार प्रदर्शन, सभी 30 सीटों पर कब्जा, 70 फीसदी महिलाएं बनी अध्यक्ष
ओडिशा के जिला परिषद चुनावों में बीजू जनता दल (बीजेडी) ने शानदार जीत दर्ज की है। बीजेडी ने क्लीन स्वीप करते हुए सभी 30 जिलों में विजय का परचम लहराया है।
ओडिशा के जिला परिषद चुनावों में बीजू जनता दल (बीजेडी) ने शानदार जीत दर्ज की है। बीजेडी ने क्लीन स्वीप करते हुए सभी 30 जिलों में विजय का परचम लहराया है। इस बार खास बात ये रही कि बीजेडी ने चुनाव के लिए अच्छे रिकॉर्ड वाले युवा और शिक्षित उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। चुने गए 30 जिला परिषद अध्यक्षों में से 15 की उम्र 40 साल से कम, 23 की उम्र 50 साल से कम है। सभी जिला परिषद अध्यक्षों की औसत उम्र 41 साल है। इसके साथ ही 70 प्रतिशत महिलाएं जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है, ओडिशा में बड़ी संख्या में महिलाएं जिलों का नेतृत्व कर रही हैं।सरस्वती मांझी को सबसे कम उम्र की जिला परिषद के रूप में चुना गया है। इस बार जिला परिषद अध्यक्ष चुनी गईं सरस्वती माझी की उम्र 23 साल है और उन्होंने बीएससी की हैं। वह राजयगड़ जिले में विकास कार्य करती नजर आएंगी। इसी तरह मलकानगिरी के स्वभिमान अंचल से आने वालीं समारी तंगुल की उम्र 26 साल है और उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की है।
इस चुनाव में कुल 21 महिलाएं ऐसी हैं जिनका चुनाव जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में हुआ है। जो कि कुल सीटों का 70 प्रतिशत है। राज्य के सीएम नवीन पटनायक ने अपने गृह जिले गंजम में भी ओबीसी समुदाय से जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव किया। 30 में से 15 जिलों (50%) में 40 वर्ष से कम आयु के जिला परिषद अध्यक्ष चुने गए। वहीं बाकि 30 जिलों में से 23 यानी 76 फीसदी 50 वर्ष से कम आयु के जिला परिषद अध्यक्ष हैं। जिला परिषद की अध्यक्षों की औसतन उम्र 41 साल है।
इससे पहले ओडिशा पंचायत चुनाव में 829 जिला परिषद सीटों में से 743 सीटों पर बीजेडी ने कब्जा जमाया था। इस चुनाव में भाजपा ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, कांग्रेस ने 37 और आईएनडी ने तीन सीटों में विजय प्राप्त की थी। इसके अलावा 4 सीटें अन्य के खातों में गईं थीं।





