मस्जिदों में लाउडस्पीकर को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कही ऐसी बात, तेजस्वी यादव और माँझी का मिला साथ
लाउडस्पीकर को लेकर देशभर में चल रही राजनीति को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसी बात कही कि उनकी बात का समर्थन राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव और हम पार्टी के संस्थापक जीतन राम माँझी ने भी किया।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माँझी के आवास पर इफ़्तार के मौके पर पहुंचे नीतीश कुमार वापसी के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। वहीं शुक्रवार को ही उनके मंत्रिमंडल में खान मंत्री जनक राम ने ये माँग दोहरायी कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाया जाना चाहिए। इसके पूर्व भी कई भाजपा के सदस्य जिसमें मंत्री, विधायक शामिल हैं, इस माँग का समर्थन कर चुके हैं।
हालांकि, भाजपा के ही वरिष्ठ सदस्य और नीतीश मंत्रिमंडल में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन का कहना है कि लाउडस्पीकर को किसी धर्म से जोड़ने की ज़रूरत नहीं हैं। क्योंकि उसके ईजाद होने से पहले भी लोग पूजा और अजान दोनो करते थे। निश्चित रूप से नीतीश कुमार के बयान के बाद जहां एक ओर भाजपा के ध्रुवीकरण की राजनीति को झटका लगा है। वहीं, अल्पसंख्यक समाज के लोग राहत की साँस लेंगे।
नीतीश ने इस बार रमज़ान के महीने में आधे दर्जन से ज्यादा इफ़्तार पार्टियों में शामिल होकर एक संदेश भी भेजा है कि फ़िलहाल भाजपा के एजेंडे से वो कोसों दूर हैं। ये बात अलग है कि उनके अपने उप मुख्य मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इफ्तार पार्टी में साफा और टोपी दोनों पहनने से परहेज किया। वहीं, शुक्रवार को इस मुद्दे पर नीतीश को राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव और हम पार्टी के संस्थापक जीतन राम माँझी का साथ मिला। जहां तेजस्वी ने इस मुद्दे को बेरोज़गारी से जोड़ते हुए कहा कि जहां भी लाउडस्पीकर हटा वो हाईकोर्ट के आदेश से हटा, लेकिन क्या इसे हटाने से देश में बेरोज़गारी की समस्या हल हो जायेगी? वहीं माँझी का कहना था कि लाउडस्पीकर और घड़ीघंटा बजाने से कुछ नहीं होता और ये सब फालतू के विषय हैं।