सबसे बड़ी डकैती का पांच दिन बाद भी खुलासा नहीं, पुलिस व कानून व्यवस्था की खुली पोलः सूर्यकांत धस्माना
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य स्थापना की 23 वीं वर्षगांठ के अवसर पर देश के सर्वोच्च पद पर आसीन महामहिम राष्ट्रपति की उपस्थिति में व केन्द्री ग्रह मंत्री के आगमन से पूर्व जो डकैती की घटना उत्तराखंड की राजधानी के हृदय स्थल व डीजीपी मुख्यालय से चंद कदमों की दूरी में दिन दहाड़े घटित हुई, उसने पूरे राज्य की कानून व्यवस्था पर कालिख पोतने का काम किया है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस शर्मनाक घटना के लिए मुख्यमंत्री ने पांच दिनों के बाद भी अभी तक किसी की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कोई कार्रवाई नहीं की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एआईसीसी सदस्य व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राज्य सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि डकैती की घटना को एक तरह से राष्ट्रपति की सुरक्षा में छेद की तरह देखा जाना चाहिए था। क्योंकि जिस वक्त राष्ट्रपति देहरादून में राज्य स्थापना के जश्न में शिरकत कर रहीं थीं, उसी वक्त डकैतों ने इस घटना को शहर के हृदय स्थल में स्थित ज्वैलरी शो रूम में अंजाम दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि डीजीपी मुख्यालय से चंद कदमों की दूरी पर यह डकैती पड़ी। दावा किया जा रहा था कि शहर के चप्पे चप्पे पर पुलिस का कड़ा पहरा है। डकैतों ने डीजीपी की नाक के नीचे डकैती डाल कर डीजीपी की ओर से आयोजित क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल का धूमधाम से समापन कार्यक्रम कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता ने कहा कि कायदे में मुख्यमंत्री को तत्काल डीजीपी को पद से हटा देना चाहिए और जिले के पुलिस अफसरों को भी दंडित करना चाहिए। उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद 23 वर्षों में इतनी बड़ी व दुस्साहसी आपराधिक घटना पहली बार घटी और कार्यवाही के मामले में भी उतनी ही बड़ी लापरवाह व उदासीनता पहली बार देखने को मिल रही है कि पांच दिन बाद भी मुख्यमंत्री जो स्वयं गृहमंत्री भी हैं उन्होंने किसी की जिम्मेदारी फिक्स नहीं की। दिखावे के लिए भी कोई कोर्रवाई नहीं की। धस्माना ने कहा कि राज्य की ध्वस्त पड़ी कानून व्यवस्था को मुद्दा बना कर कांग्रेस अब मजबूरी में सड़कों पर उतरेगी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।