यूपी में कांग्रेस को बड़ा झटका, आरपीएन सिंह ने दिया इस्तीफा, भाजपा में हुए शामिल, जानिए उनके बारे में
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और झटका लगा है। दरअसल कांग्रेस के दिग्गज नेता आरपीएन सिंह ने आज कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे देने संबंधी पत्र उन्होंने सोनिया गांधी को भेजा है। इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए।
आरपीएन सिंह के बारे में
आरपीएन सिंह 1996 से 2009 के बीच उत्तर प्रदेश के पडरौना निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी रहे हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरपीएन को बीजेपी में शामिल होने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पडरौना से मैदान में उतारा जा सकता है। कांग्रेस के बड़े नेता और केंद्र में मंत्री रहे कुंवर रतनजीत नारायण सिंह या आरपीएन सिंह पडरौना रियासत से हैं। उन्हें वहां का राजा साहेब कहा जाता है। उनका जन्म 25 अप्रैल 1964 को दिल्ली में हुआ था। वह कुशीनगर के क्षत्रिय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह पडरौना के पास कुशीनगर लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे। आरपीएन सिंह करीब 4 दशक से राजनीति में सक्रिय हैं और 3 बार विधायक और 1 बार सांसद रह चुके हैं।
आरपीएन सिंह यूपीए 2 में गृह राज्यमंत्री रहे थे। वह यूपी के कुशीनगर जिले के रहने वाले हैं। वह झारखंड में कांग्रेस के प्रभारी रहे थे और यूपी यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। आरपीएन सिंह पूर्व सांसद सीपीएन सिंह के बेटे है। वह 2009 में कुशीनगर से सांसद बने 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव हार गए थे।
आरपीएन सिंह ने 1996 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी के रामनगीना से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वह फिर भी कांग्रेस के पसंदीदा नेताओं में बने रहे। वह कांग्रेस की राष्ट्रीय टीम का भी हिस्सा रहे थे। 2009 में किस्मत ने साथ दिया और वह पहली बार लोकसभा चुनाव जीत गए। उस दौरान मनमोहन सिंह की सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला था। आरपीएन सिंह पेट्रोलियम, राजमार्ग और भूतल परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं।
कुशीनगर के सैंथवार के शाही परिवार के वंशज आरपीएन सिंह कांग्रेस पार्टी के वफादार रहे हैं। वह 1996 और 2009 के बीच अपने दिवंगत पिता सीपीएन सिंह की तरह उत्तर प्रदेश के पडरौना निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे। इसके बाद वे 15 वीं लोकसभा चुनाव में निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए। 16वीं लोकसभा के चुनाव में वह बीजेपी के राजेश पांडेय से हार गए थे। उन्होंने कांग्रेस शासन में गृह राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।