बीजेपी को जोर का झटका, नीतीश कुमार के अलग होने पर अब राज्यसभा में अल्पमत में आई एनडीए
नीतीश कुमार के नाता तोड़ लेने की वजह से एनडीए के हाथ से न केवल बिहार की सत्ता चली गई, बल्कि राज्यसभा में भी उसे कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। संसद के उच्च सदन राज्यसभा में अब बीजोपी को ओडिशा के बीजू जनता दल (BJD) और आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस (YSRCP) जैसी पार्टियों पर निर्भर रहना पड़ेगा। ताकि अहम विधेयकों को राज्यसभा में पास करवाया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हालांकि, जेडीयू जब एनडीए का हिस्सा थी, तब भी उसे राज्यसभा में बहुमत हासिल नहीं था। राज्यसभा में फिलहाल कुल सांसदों की संख्या 237 है और बहुमत का आंकड़ा 119 है। जम्मू-कश्मीर से 4, त्रिपुरा से एक और 3 मनोनीत सीटें खाली है। एक निर्दलीय और 5 मनोनीत सदस्यों सहित एनडीए के मौजूदा सांसदों की संख्या 115 रही है। JDU के बाहर चले जाने के बाद यह आंकड़ा 110 पर पहुंच गया। जो बहुमत के आंकड़े से 9 कम है। राज्यसभा में JDU के पांच सांसद हैं, जिनमें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संसद के शीत सत्र से पहले सरकार राज्यसभा के लिए तीन और लोगों को मनोनीत कर सकती है और BJP के त्रिपुरा की सीट जीत जाने के भी आसार हैं। इसके बावजूद NDA का आंकड़ा 114 तक ही पहुंचेगा। वहीं, तब बहुमत का नया आंकड़ा 121 पहुंच जाएगा। फिर एनडीए को सात सदस्यों की कमी रहेगी। बीजेपी को अहम कानूनों को पास कराने के लिए बीजेडी और YSRC के समर्थन की जरूरत होगी। इनके 9-9 सदस्य राज्यसभा में हैं। हालांकि, हाल ही में हुए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी को बीजेडी, वाइएसआरसीपी, टीडीपी, बीएसपी और अकाली दल का समर्थन मिला था।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।