श्रद्धालुओं ने घरों पर ही किया कार्तिक पूर्णिमा का स्नान, गंगाघाटों के रास्तों पर लगाए गए बेरिकेट्स, राशि के अनुसार करें दान
देहरादून में कार्तिक पूर्णिमा के स्नान को लेकर प्रशासन सुबह से ही चौकन्ना रहा। ऋषिकेश सहित अन्य स्थानों पर गंगा और अन्य नदियों के घाटों पर बेरिकेट्स लगाए गए। छिपते छिपाते दूसरे रास्तों से नदी तक पहुंचे लोगों को पुलिस ने लौटा दिया। इसके बावजूद भी कई स्नान करके ही वापस लौटे। ऐसे लोगों की संख्या अंगुलियों में गिनने लायक थी। देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने पहले ही इस दिन नदियों और घाटों पर स्नान को प्रतिबंधित करने के आदेश जारी कर दिए थे।
कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 29 नवंबर को रात 12 बजकर 49 मिनट से आरंभ हो गया। जो आज 30 नवंबर को दोपहर 3 बजे तक है। इस दिन अधिकांश शहरों और जिलों में नदियों और घाटों में कोरोना महामारी के चलते स्नान पर प्रतिबंध हैं। ऐसे में श्रद्धालु निराश न हों। वे घर में ही मां गंगा के स्नान के बराबर का पुण्य लाभ ले सकते हैं। इसके लिए बाल्टी में गंगाजल की कुछ बूंद डालकर स्नान करना भी उतना ही फलकारी माना गया है, जितना गंगा या अन्य नदियों के घाटों में जाकर स्नान करना है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान करना दस यज्ञों के समान पुण्यकारी माना जाता है। शास्त्रों में इसे महापुनीत पर्व कहा गया है। कार्तिक पूर्णिमा भरणी और रोहिणी नक्षत्र में होने से इसका महत्व और बढ़ जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दीपावली भी मनाई जाती है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ और ईश्वर की उपासना की जाती है।
ऋषिकेश में रही सख्ती
ऋषिकेश के त्रिवेंणी घाट सहित, लक्ष्मण झूला, राम झूला, स्वर्गाश्रम आदि स्थानों पर सुबह से ही पुलिस मुस्तैद रही। पुलिस ने त्रिवेंणी घाट तक जाने वाले सभी रास्तों पर अवरोध लगा दिए थे। इसके बावजूद कुछ एक लोग छिपते छिपाते हुए गंगा तक पहुंच गए। उन्हें पुलिस ने लौटा दिया। इस दौरान कुछ लोग स्नान कर चुके थे।
दान का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। कोरोना वायरस महामारी के कारण ऐसे समय में घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करना उत्तम है। इस दिन दान का भी बहुत महत्व है। कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने का हजारों गुणा फल मिलता है। इसलिए इस दिन गरीबों को गर्म कपड़ों, गर्म चीजों का दान किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन किए गए दान से विष्णु भगवान की विशेष कृपा मिलती है। यहां डॉ. आचार्य सुशांत राज राशि के अनुसार क्या दान करें, इसके बारे में बता रहे हैं।
राशि अनुसार करें दान
मेष-गुड़ का दान
वृष- गर्म कपड़ों का दान
मिथुन-मूंग की दाल का दान
कर्क-चावलों का दान
सिंह-गेहूं का दान
कन्या-हरे रंग का चारा
तुला भोजन का दान
वृश्चिकृ- गुड़ और चना का दान
धनु-गर्म खाने की चीजें, जैसे बाजरा
मकर-कंबल का दान
कुंभ-काली उड़द की दाल
मीन- हल्दी और बेसन की मिठाई का दान
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।