कोविड-19 टीके की पहली डोज शत फीसद करने वाला जिला बना बागेश्वर, सीएम ने इनके लिए की राहत पैकेज की घोषणा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए बताया कि जनपद बागेश्वर एवं जनपद पौड़ी के विकासखंड खिर्सू की ओर से 18 वर्ष से अधिक आयु के समस्त नागरिकों का प्रथम डोज कोविड-19 टीकाकरण शत-प्रतिशत किया जा चुका है। जनपद बागेश्वर एवं पौड़ी जिले के विकासखंड खिर्सू को 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए दिया गया लक्ष्य 2011 सेन्सस के सापेक्ष 2021 की सम्भावित जनसंख्या कमशः 172210 एवं 29374 है। इसके सापेक्ष दिनांक 12 अगस्त, 2021 तक जनपद बागेश्वर एवं विकास खण्ड र्खिसू में क्रमशः 176776 एवं 37789 लाभार्थियों का प्रथम डोज टीकाकरण किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महीने अभी तक टीके की 17 लाख डोज मिल चुकी हैं। दिसंबर अंत तक उत्तराखंड मे शतप्रतिशत वैक्सीनैशन कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने के लिए लगातार राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। दिनांक 17 अगस्त 2021 के कोविड-19 टीकाकरण कवरेज के अनुसार 45 वर्ष और उससे अधिक के लाभार्थियों के टीकाकरण की प्रथम खुराक 2326374 (83% ) एवं द्वितीय खुराक 1336923 (48%) तथा 18 से 44 वर्ष के नागरिकों के टीकाकरण की प्रथम खुराक 3027666 (61%) एवं द्वितीय खुराक 211958 (4%) है। राज्य में आतिथि को अब तक कोविड-19 टीकाकरण अभियान के अन्तर्गत कुल 7435124 खुराक दी जा चुकी हैं। जिसमें प्रथम खुराक 5661943 (73% ) एवं द्वितीय खुराक 1773181 (23%) हैं।
मुख्यमंत्री ने जनपद बागेश्वर एवं विकासखंड र्खिसू को जनपदो से प्राप्त सूचना अनुसार राज्य में कोविड-19 टीकाकरण शत-प्रतिशत पूर्ण करने वाले प्रथम जनपद एवं विकासखंड के रूप में प्रमाणित किया। इसी के क्रम में उक्त अभियान में जनपद बागेश्वर के जिलाधिकारी विनीत कुमार मीणा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनीता टम्टा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. प्रमोद सिंह जंगपांगी एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों / कार्मिकों तथा जनपद पौडी के जिलाधिकारी डा. के विजयकुमार जोगदंडे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज शर्मा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. गम्भीर सिंह तालियान एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों/ कार्मिकों को बधाई दी। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।
राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों को सौगात
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ वर्चुअल संवाद में कोरोना काल में प्रभावित महिला स्वयं सहायता समूहों और राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों के लिए 118 करोड़ 35 लाख रूपए के राहत पैकेज की घोषणा की। इससे राज्य में 07 लाख 54 हजार 984 लोग लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। राज्य की अर्थव्यवस्था में इनका काफी योगदान रहा है। कोविड महामारी के दृष्टिगत इनके क्रियाकलापों में प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इन स्वयं सहायता समूहों में मुख्यतः राज्य की महिलाएं कार्य करती हैं, जो कि पहाड़ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। कोविड महामारी के कारण इन महिला स्वयं सहायता समूहों और राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं के लाभार्थियों के व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इन्हें राहत देने के लिए इस पैकेज का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पैकेज के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं आईएलएसपी के अन्तर्गत गठित 30,365 समूहों को उनके द्वारा लिए ऋण पर 24.82 करोड़ रूपये की ब्याज प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित 159 सीएलएफ को प्रति सीएलएफ 5.00 लाख रूपये का एक मुश्त अनुदान दिया जायेगा। जिसकी अनुमानित लागत रू0 7.95 करोड़ होगी।
उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं आईएलएसपी के अन्तर्गत गठित सक्रिय स्वयं सहायता समूहों को स्वावलंबन के लिए 06 माह के लिये आर्थिक सहायता भी प्रदान की जायेगी। जिसमें कुल 42989 समूहों को 2000 रूपये प्रतिमाह की दर से कुल 51.59 करोड़ रूपये की सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में लाभार्थियों को 5 हजार रूपए प्रतिमाह की दर से 6 माह के लिए लिए गए ऋण पर ब्याज प्रतिपूर्ति दी जाएगी। इस पर कुल लागत 9 करोड़ रूपए आएगी। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के ऋण खाता धारकों को 06 माह के लिए ब्याज प्रतिपूर्ति सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। इसकी अनुमानित लागत एक करोड़ रूपये है।
युवा कल्याण एवं प्रान्तीय विकास दल के युवक मंगल दल और महिला मंगल दलों को स्वावलम्बन के लिए 06 माह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें 20 हजार समूहों को 2 हजार रूपए प्रति माह की दर से आर्थिक सहायता दी जाएगी। जिस पर कुल 24 करोड़ रूपए का व्यय होगा।
आत्मनिर्भर भारत में महिला स्वयं सहायता समूहों का महत्वपूर्ण योगदान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के सभी 13 जनपदों एवं 95 ब्लॉक से जुड़े स्वयं सहायता समूहों से वर्चुअल संवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। महिला स्वयं सहायता समूहों का इसमें महत्पूर्ण योगदान है। राज्य के विकास में मातृ शक्ति जिस मनोयोग से कार्य कर रही है, यह सबके लिए प्रेरणा है। ऊर्जा एवं उत्साह का संचार इसी तरह बना रहे। हमारी मातृ शक्ति पर बड़ी जिम्मेदारी होती है।
रोजगार और स्वरोजगार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सेवक की शपथ लेते ही उन्होंने प्रदेश के युवाओं एवं मातृ शक्ति को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के प्रयास शुरू कर दिये हैं। राज्य में अनेक सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सभी विभागों को स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए निर्देश दिये गये हैं। जिसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि समाज के अन्तिम पंक्ति के लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे। सरकार जनता के साथ साझीदार के रूप में कार्य कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में पिछले सात वर्षों में अभूतपूर्व कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र के नेतृत्व में पिछले सात सालों में केन्द्र सरकार से राज्य को हर क्षेत्र में भरपूर सहयोग मिला है। सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल एवं केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही अनेक जन कल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश को मदद मिली है। केन्द्र सरकार की सभी योजनाओं को विभिन्न माध्यमों से जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत योजना वरदान साबित हुई है। केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में रेल एवं सड़क कनेक्टिविटी में अनेक नये आयाम स्थापित हुए।
ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा राज्य में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। इनके लिए उत्पादों की बिक्री के लिए उचित व्यवस्था हो। अधिकारियों द्वारा समूहों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनी जाय और उनका समाधान किया जाय। अपने घर से कार्य कर आजीवका को बढ़ाने के लिए स्वरोजगार अच्छा माध्यम है।
महिला स्वयं सहायता समूहों ने मुख्यमंत्री से साझा किया अनुभव
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों के महिला स्वयं सहायता समूहों से बातचीत की। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों के कार्यों और उन्हें आ रही परेशानियों के बारे में जानकारी ली। साथ ही राज्य सरकार को और क्या सुधार करने चाहिए। इस पर महिला स्वयं सहायता समूहों के सुझाव भी प्राप्त किए। अधिकांश ने अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए और अधिक उन्नत मशीनें उपलब्ध करवाए जाने और उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया।
अल्मोड़ा की भगवती स्वयं सहायता समूह की माया देवी ने कहा कि उन्होंने बकरीपालन के लिए 21 हजार रूपये का लोन लिया था। अभी तक वह 42 हजार रूपये की बकरी बेच चुकी हैं। अभी उनके पास 38 बकरियां हैं। उनके समूह में 07 सदस्य ये कार्य कर रहे हैं। बागेश्वर की आशा देवी ने कहा उनके क्लस्टर द्वारा सिलाई-बुनाई का कार्य किया जा रहा है। आर्डर पर सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए ड्रेस बनाई जा रही है। कलस्टर में 266 महिलाएं जुड़ी हैं। एक महिला प्रतिमाह 08 से 10 हजार रूपये कमा रही है।
चमोली जनपद के जोशमठ की नर्मदा देवी ने कहा कि उनके तपोभूमि क्लस्टर द्वारा पंचबद्री के लिए प्रसाद बनाया जा रहा है। जिसकी ऑनलाईन बिक्री भी की जा रही है। चंपावत में प्रगति संगठन द्वारा लोहे की कड़ाई बनाई जा रही है। लोहाघाट में इसके लिए ग्रोथ सेंटर बनाया गया है। इस कार्य से 40 महिलाएं जुड़ी हैं।
देहरादून के डोईवाला विकासखंड की रीना रावत ने कहा कि उनके समूह की ओर से मशरूम उत्पादन एवं फूड प्रोसेसिंग का कार्य किया जा रहा है। जिससे अच्छा फायदा हो रहा है। बहादराबाद, हरिद्वार की श्रीमती पूनम शर्मा ने कहा कि उनके समूह द्वारा हरिद्वार के विभिन्न मंदिरों के लिए प्रसाद बनाया जा रहा है।
नैनीताल की मुमताज ने कहा कि उनके क्लस्टर में अनेक ऑर्गेनिक उत्पाद बनाये जा रहे हैं। इससे 1500 महिलाएं जुड़ी हैं। पौड़ी की बबीता ने कहा कि उनके उमंग कलस्टर द्वारा मंडवे के बिस्कुट, लड्डू बनाये जा रहे हैं, ये उत्पाद आंगनबाड़ी केन्द्रों को सप्लाई किये जा रहे हैं। ऊखीमठ, रूद्रप्रयाग की सरिता देवी ने कहा कि उनके दुर्गा स्वयं सहायता समूह द्वारा श्री केदारनाथ मंदिर के लिए प्रसाद एवं दुग्ध आधारित उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं।
टिहरी से कुंजापुरी क्लस्टर से जुड़ी नीलम देवी ने कहा कि स्थानीय दालों, अचार एवं मसालों का कार्य किया जा रहा है। उनके क्लस्टर से 365 महिलाएं जुड़ी हैं। खटीमा, ऊधमसिंह नगर की श्रीमती शिक्षा देवी ने कहा कि उनके समूह की ओर से मुर्गी पालन, बकरी पालन, मत्स्य पालन एवं सब्जी उत्पादन से संबंधित कार्य किये जा रहे हैं। हिमाद्री एवं सरस मार्केट के माध्यम से उत्पादों की बिक्री की जा रही है। चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी की रीना रमोला ने कहा कि उनके अपर्णा स्वयं सहायता समूह द्वारा एल.ई.डी पर आधारित अनेक उत्पाद बनाये जा रहे हैं। पिथौरागढ़ में राखी बृजवाल एवं विमला देवी ने बताया कि नारी शक्ति समूह द्वारा बेकरी से संबंधित उत्पाद बनाये जा रहे हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों की सक्सेस स्टोरी पर आधारित ग्राम्य विकास विभाग की पुस्तक का भी विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जनपद के चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित भी किया। उन्होंने भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत गौरा स्वयं सहायता समूह को एक लाख रूपए राशि का चैक, प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ऊधमसिंह नगर जिले नारी शक्ति क्लस्टर की चन्द्रमणि दास को सम्मानित किया। दिनांक 12 अगस्त को चन्द्रमणि को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल संवाद का अवसर प्राप्त हुआ था।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, कुंवर प्रणव चैंपियन, राजेश शुक्ला, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, आनन्द बर्द्धन, सचिव एस. ए. मुरूगेशन एवं प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आयी महिला स्वयं समूहों की महिलाएं उपस्थित थीं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।