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April 15, 2025

Video: बाबा केदार की पंचमुखी डोली उल्लास के साथ फाटा से विदा, छह मई को केदारनाथ और आठ मई को बदरीनाथ धाम के खुलेंगे कपाट

केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली आज बुधवार की सुबह आठ बजे रुद्रप्रयाग जिले के फाटा से गौरीकुंड स्थित गौरीमाई मंदिर के लिए रवाना हुई।

अक्षय तृतीया के दिन तीन मई को गंगोत्री और यनुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत हो गई है। अब इन दोनों धामों में आगामी छह माह तक गंगा और यमुना मैया की पूजा होगी। वहीं, केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की तैयारी चल रही है। वहीं, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा शुरू होने पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है।
केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली आज बुधवार की सुबह आठ बजे रुद्रप्रयाग जिले के फाटा से गौरीकुंड स्थित गौरीमाई मंदिर के लिए रवाना हुई। आज रात्रि विश्राम गौरीकुंड में ही होगा। फाटा में डोली के गौरीकुंड रवाना होने से पहले भव्य उत्सव का माहौल रहा। सैना के बैंड की धुन के बीच भोलेनाथ के जयकारे लगाते श्रद्धालु नजर आए। लोगों ने भगवान की डोली के दर्शन किए।
इस दौरान काफी संख्या में डोली स्कूली छात्राएं भी जुलूस की शक्ल में डोली को रवाना करने के लिए काफी दूर तक साथ चलीं। कल पांच मई को गौरीकुंड से प्रात: 6 बजे भगवान की पंचमुखी डोली श्री केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी। 6 मई शुक्रवार प्रात: 6 बजकर 25 मिनट पर श्री केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खुलेंगे।
देखें वीडियोः फाटा से रवाना होती केदार बाबा की डोली, साभार-विनोद तिवारी

आठ मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
वहीं, 8 मई रविवार सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर बदरीनाथ धाम में श्री बदरीविशाल के कपाट खोले जाएंगे। इससे पहले 6 मई शुक्रवार प्रात: 9 बजे श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ से आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी सहित तेल कलश गाडू घड़ा के साथ श्री बदरीनाथ धाम के रावल जी, मंदिर समिति के आचार्य एवं डिमरी पंचायत के प्रतिनिधियों का योगध्यान बदरी के लिए प्रस्थान करेंगे। रात्रि प्रवास इसी मंदिर में होगा। 7 मई शनिवार प्रात: योग बदरी पांडुकेश्वर से आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, रावल जी सहित देवताओं के खजांची श्री कुबेर जी एवं भगवान के सखा उद्धव जी, तेल कलश गाडू घड़ा के साथ प्रात: 9 बजे श्री बदरीनाथ धाम को प्रस्थान करेंगे। 8 मई प्रात: 6 बजकर 15 मिनट पर शीतकाल के लिए श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। उधर, पवित्र गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहिब जी एवं लोकपाल तीर्थ के कपाट रविवार 22 मई को खुलेंगे।
पर्यटन, धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा पर दी शुभकामनाएं
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने धार्मिक आस्था की प्रतीक चारधाम यात्रा प्रारंभ होने पर उत्तराखंड आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों, प्रदेशवासियों और यात्रा तैयारियों में लगे सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होने सभी से अनुरोध है कि चारधाम यात्रा देवभूमि के सम्मान और अस्मिता से जुड़ी है। इसलिए यात्रा को सफलतापूर्वक संचालित करने में हमें अपना सहयोग दें और यात्रा नियमों का अनुपालन करें।
महाराज ने कहा कि सरकार ने यात्रा की दृष्टि से सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यात्रा के कुशल संचालन के लिए सभी सभी व्यवस्थायें चाकचौबंद हैं। चारों धामों में कैरिंग कैपेसिटी से अधिक यात्री ना पहुंचे इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए व्यवस्था में लगे कर्मचारियों अधिकारियों को उनकी उचित व्यवस्था हेतु आवश्यक निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। चारधाम आने वाले वाले तीर्थयात्रियों को यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। यात्रा मार्ग बाधित होने की स्थिति में उन्हें वैकल्पिक मार्गों से निकालने के साथ-साथ जाम के दौरान पानी, दूध, फल आदि की व्यवस्था करने के लिए शासन प्रशासन को मुस्तैद रहने को कहा गया है।
पर्यटन मंत्री ने सभी होटल एवं रेस्टोरेंट्स व्यवसाईयों से अनुरोध किया है कि वह भी यात्रियों के सम्मान में किसी प्रकार की कोई कमी ना रखें। आवास सुविधाओं से लेकर खानपान तक सभी वस्तुओं को निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर ना बेचें। वाहन स्वामी एवं चालक भी अपनी गाड़ियों को स्वच्छ रखने के साथ-साथ यात्रियों को प्रदेश के अन्य धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों की जानकारी भी दें ताकि चारों धामों में दबाव को कम किया जा सके।
उन्होने कहा कि यात्रा को सफल बनाने का प्रयास सभी को मिलकर करना है। इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालू इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं। हमें अपने सेवा भाव से यह सुनिश्चित करना है कि चारधाम आने वाले प्रत्येक यात्री को हम “अतिथि देवो भवः” के अनुरूप उसका आदर और सत्कार करें। यात्रियों से भी मेरा निवेदन है कि वह यात्रा के दौरान मास्क एवं सेनिटाइजेशन का प्रयोग उपयोग करें।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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