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December 16, 2024

उत्तराखंड में एचएनबी विश्विद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों में बीएड एवं एमएड में ऐसे मिलेगा प्रवेश, आवेदन की अंतिम तिथि 18 जून

उत्तराखंड में बीएड (b.ed) एवं एमएड ( m.ed) के वर्तमान सत्र 2022 -23 सत्र के लिए हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबंध सभी कॉलेजों में प्रवेश राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से ही किए जाएंगे।

उत्तराखंड में बीएड (b.ed) एवं एमएड ( m.ed) के वर्तमान सत्र 2022 -23 सत्र के लिए हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबंध सभी कॉलेजों में प्रवेश राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से ही किए जाएंगे। अभी तक हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की ओर से बीएड (b.ed) प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा कराई जाती थी। इस वर्ष सीईयूटी ( ceut) के माध्यम से ही विश्वविद्यालय के कैंपस और संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया संपन्न होगी।
यहां करें आवेदन
इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने बताया कि बीएड ( b.ed) एवं m.ed के अलावा अन्य कोर्सो में प्रवेश पूर्व की भांति ही संपन्न होंगे। ceut के माध्यम से सिर्फ यूनिवर्सिटी के कैंपस कॉलेजों में प्रवेश होंगे। संबद्ध कॉलेजों को इस वर्ष ceut से छूट दी गई है। प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 18 जून तक नियत है। उन्होंने बताया कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से b.ed एवं m.ed करने के इच्छुक सभी छात्र 18 जून तक ceut.nta.nic.in पर ऑनलाइन अपना आवेदन सुनिश्चित कर लें।
विश्वविद्यालय स्तर पर नहीं किया गया प्रचार
इस वर्ष विश्वविद्यालय की ओर से अपनी पृथक प्रवेश परीक्षा नहीं करवाई जा रही है। b.ed और m.ed में प्रवेश कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के तहत ही होंगे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में छात्रों के असमंजस को दूर करने के लिए एवं अधिक से अधिक छात्रों को प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित करने के लिए विश्वविद्यालय को उक्त प्रवेश परीक्षा के लिए प्रचार और प्रसार करना चाहिए था, लेकिन विश्वविद्यालय स्तर पर इस तरह का कुछ भी प्रयास नहीं किया गया। वर्तमान समय में गढ़वाल विश्वविद्यालय के अधिकारियों में निर्णय लेने से बचने की प्रवृत्ति ज्यादा है। इसके कारण छात्रों की छोटी-छोटी समस्याओं का भी समाधान नहीं हो पाता है।
छात्रों की समस्या के समादान को उपलब्ध नहीं हैं अधिकारी
उन्होंने कहा कि छात्रों की रोजमर्रा की समस्याओं के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारी उपलब्ध नहीं होते हैं और जो उपलब्ध होते हैं, वह अपनी जिम्मेदारी दूसरों के ऊपर डाल कर निर्णय लेने से बचते हैं। यह स्थिति शिक्षा के लिए बहुत अच्छी नहीं है। क्योंकि गढ़वाल क्षेत्र के अधिकांश कॉलेज हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। बड़ी संख्या में छात्र अध्ययन कर रहे हैं।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में भी समस्याएं बरकरार
गढ़वाल क्षेत्र के दूसरे राज्य विश्वविद्यालय श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में स्थापना के 10 वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी अभी तक डेपुटेशन पर ही स्टाफ चल रहा है। वहां संबद्ध कॉलेजों की संख्या बहुत अधिक हो चुकी है और कुछ अन्य कॉलेज भी संबंध होने की कतार में है। वहां पूर्णकालिक स्थापना होने के कारण समस्याएं बरकरार हैं। इसकी तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है। सरकार का काम सिर्फ घोषणाएं करना है। जिन पर अमल पिछले कई वर्षों से हुआ ही नहीं है। सारा खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है। यह स्थिति उच्च शिक्षा के लिए अच्छी नहीं है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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