आयुर्वेद चिकित्सकों ने दोहराई अपनी मांगे, संघर्ष करने का लिया निर्णय

राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड (पंजीकृत) की प्रांतीय और जिला कार्यकारिणी की बैठक में समस्याओं को लेकर चर्चा की गई। साथ ही संगठन की मांगों को दोहराया गया। मांगे पूरी होने तक संघर्ष का निर्णय भी किया गया। बैठक देहरादून में द्रोण होटल में आयोजित की गई।
बैठक में आयुर्वेद चिकित्सकों की डीएसीपी, निदेशक नियमावली सहित अन्य प्रमुख मांगों पर गंभीरता पूर्वक चर्चा एवं विचार विमर्श किया गया। कहा कि लगातार शासन और विभागीय उच्च अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद पेंशन प्रकरण, विभागीय नियमावली, आयुर्वेद चिकित्सकों को एलोपैथिक दवा लिखने आदि के मुद्दों पर अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों में राज्य के आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सक अतिदुर्गम और दुर्गम क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं। कोरोनाकाल में सभी ने दिन रात मेहनत से काम किया। लगातार लोगों की थर्मल स्कैनिंग, क्वारंटीन सेंटर में सेवाएं देने के साथ ही जिले की क्यूआरटी में सेवाएं, सैंपलिंग में मदद, आवश्यकता पड़ने पर कोविड केयर सेंटरों में सेवाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में एलोपैथिक चिकित्सकों को डीएसीपी अनुमन्य कर दिया गया है, लेकिन आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सकों की उपेक्षा की गई है।
संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि मांगों के संदर्भ में विभागीय मंत्री के साथ ही शासन के उच्च अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया है। अब संगठन निरंतर शासन और सरकार पर दबाव बनाएगा। प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ डीसी पसबोला ने बताया कि बैठक में आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं उत्तराखंड के निदेशक डॉ. एमपी सिंह भी मौजूद रहे। प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. केएस. नपलच्याल ने अध्यक्षता की और संचालन प्रांतीय महासचिव डॉ. हरदेव रावत ने किया।
मीटिंग में संयुक्त निदेशक डॉ. जंगपांगी, डॉ. आरपी सिंह, डॉ. डीडी बधानी (सहा. औषधि नियंत्रक), डॉ. रमेश नौटियाल, डॉ. सुशील चौकियाल, डॉ. मीरा रावत, डॉ. अजय चमोला, डॉ. वंदना डंगवाल, डॉ. गजेन्द्र बसेरा, डॉ. दीपांकर बिष्ट, डॉ. राजेन्द्र तोमर, डॉ. शैलेष जोशी, डॉ. हरिद्वार शुक्ला, डॉ. आलोक शुक्ला, डॉ. दिनेश जोशी, डॉ. एचएस धामी, डॉ. राकेश खाती, डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. अजय तिवारी, डॉ. दुष्यन्त पाल, डॉ. जितेंद्र पपनोई, डॉ. विकास दुबे, डॉ. राकेश सेमवाल, डॉ. मनमोहन राणा, डॉ. बिरेंद्र चंद, डॉ. गुरूदयाल नेगी, डॉ. टी. एस. रावत, डॉ. मो. नावेद आजम, डॉ. अवनीश उपाध्याय, डॉ. प्रदीप मेहरा, डॉ. गिरेन्द्र चौहान, डॉ. विजय सक्सेना आदि इत्यादि उपस्थित रहे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।