डकैती की घटना मे जांच एजेंसियों पर हमला अनुचित, राजनीति से बाज आये कांग्रेस: मनवीर सिंह चौहान

उत्तराखंड भाजपा ने कहा कि राजधानी मे रिलायंस ज्वैलेरी मे दुखद डकैती प्रकरण कांग्रेस को राजनीति के बजाय संयम बरतने की जरूरत है। ऐसे संवेदनशील प्रकरण पर राजनीति और नकारात्मक रुख से जाँच एजेंसियों के मनोबल पर भी विपरीत असर पड़ेगा। बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि राजधानी मे डकैती डालने वाला गैंग उत्तराखंड सहित सात राज्यों मे ऐसी बारदातों को अंजाम दे चुका है। पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, विहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा हाल ही मे उत्तराखंड को भी इस शातिर गैंग ने निशाने पर लिया। ढाई साल की अवधि मे देश के अनेक हिस्सों मे इस गैंग ने लगभग 20 से अधिक बारदातों को अंजाम दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चौहान ने कहा कि चुनौती बड़ी है और जाँच एजेंसियां असली अपराधियों तक पहुँचने की कोशिश मे जुटी है। इसलिए जांच एजेंसियों के मनोबल को भी ध्यान मे रखना होगा। पुलिस का कड़ियाँ जोड़कर असली अपराधियों तक पहुंचकर खुलासा होना जरूरी है। इसमे समय लगेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस दबाव मे है और वह पूरी तरह से आरोपियों तक पहुँचने मे जुटी है। इसलिए जाँच एजेंसियों को समय देने की जरूरत है न कि उनकी परीक्षा को आधार बनाकर उनके मनोबल को तोड़ने जैसा कार्य किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चौहान ने कहा कि कांग्रेस के निशाने पर जांच एजेंसियां हमेशा से रही है। इन्ही एजेंसियों के द्वारा राज्य मे नकल माफियाँ का नेटवर्क ध्वस्त किया गया, जबकि कांग्रेस विरोध प्रदर्शन और माफियाओं के पक्ष मे कई मौकों पर खड़ी दिखी है। इसके अलावा दूसरे प्रदेश से भी बड़े माफिया भी पुलिस ने कानून के कटघरे मे खड़े किये है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चौहान ने कहा कि अपराधियों के लिए कोई भी सरकार अहमियत नही रखती, बल्कि वह एक सुनिश्चित प्लान पर कार्य करते है। महज भाजपा सरकार मे यह नेटवर्क हावी नही है, कांग्रेस शासित राज्यों मे भी यह एक के बाद एक घटनाओं को अंजाम दे चुका है। तब उन राज्यों मे भी इन अपराधियों की करतूतों को वहाँ की सरकार की असफलता से जोड़कर देखा जायेगा? हालांकि कांग्रेस का उत्तराखंड मे महज एक घटना को आधार बनाकर कानून व्यवस्था की कसौटी पर कसना निरर्थक है। कांग्रेस काल मे तो थाने चौकियों मे रिपोर्ट दर्ज होने मे राजनैतिक हस्तक्षेप रहता था और पुलिस वीआईपी ड्यूटी तक सीमित हो गयी थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी पुलिस विभाग से घटना के बाद जाँच को लेकर पूरी जानकारी ले चुके हैं। पूर्व की भाँति जाँच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से कार्य कर रही है। आज प्रदेश मे कानून का राज है और पुलिस भी इस घटना को चुनौती के रूप मे स्वीकार कर चुकी है। बेहतर है कि जांच एजेंसियों को अपना कार्य करने दे और इसे राजनैतिक मुद्दे की तरह हवा देकर एजेंसियों के मनोबल से खिलवाड़ नही किया जाना चाहिए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।