विधानसभा अध्यक्ष ने तो कर दिया अपना काम, देखना है सीएम में भी है क्या साहस, या फिर कागजों में ही हैं धाकड़ः यूकेडी
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय महामंत्री विजय बौड़ाई ने उत्तराखंड उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के बैकडोर से भर्ती प्रकरण को लेकर उठाए गए कदम को साहसिक बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि क्या उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी अन्य मामलों में ऐसा कदम उठाने की हिम्मत रखतेहैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के साहसिक कदम की जितनी तारीफ की जाए वह कम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)उक्रांद के केंद्रीय महामंत्री विजय बौड़ाई ने कहा कि जब से उत्तराखंड बना है, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडू़ड़ी ने पहली बार उत्तराखंड की सर्वोच्च संस्था को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिये बैकडोर से भर्ती किये गए लोगो को हटाया। उसके बाद न्यायालय के आदेश की खिलाफ डबल बेंच में अपील भी की। वह काबिलेतारीफ है। विधानसभा में लगातार बैकडोर भर्ती करना राज्य के युवाओं के साथ धोखा था। साथ ही उसमे भरष्टाचार भी निहित था। संवेधानिक अधिकारों एवं नियम कानूनों का खुलेआम राज्य के सर्वोच्च संस्था में धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। निश्चित रूप से विधानसभा अध्यक्ष ने उस पर लगाम कसी है। साथ ही स्वच्छ शासन प्रदान करने की मिसाल पेश की है। इससे अब आगे इस प्रकार की बैकडोर भर्ती कोई नही कर पायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इस राज्य में कई समय से लोकायुक्त की मांग की जाती रही है लेकिन, भाजपा द्वारा ही इस कानून को विधानसभा की प्रवर समिति को सौंपा गया था और आज तक पास नही किया है। यदि लोकायुक्त होता तो राज्य में इस प्रकार का सरे आम भ्रष्टाचार नही पनपता। विधानसभा अध्य्क्ष से मांग है कि लोकायुक्त विधेयक को भी आगामी विधानसभा सत्र में विधानसभा पटल पर रखवाकर पास कराया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उक्रांद के महामंत्री विजय बौड़ाई ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने अपना काम काफी हद कर दिया, लेकिन मुख्यमंत्री भी कुछ करेंगे। विधानसभा में बैकडोर भर्ती में पूर्व विधानसभा अध्य्क्ष एवं वर्तमान में वित्तमंत्री की बड़ी भूमिका रही है। अब अवैध नियुक्तियो को न्यायालय ने भी बहाल नही किया है तो यह भी निश्चित हो गया है कि गलत नियुक्तिया की गई थीं। इसलिए वित्तमंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाना चाहिए। क्या सीएम विधानसभा अध्यक्ष की तरह ऐसा साहसिक कदम उठाने की हिम्मत रखते हैं। या फिर वह कागजों में ही धाकड़ हैं।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




