ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई का सर्वे शुरू, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई 26 जुलाई तक रोक, कहा आज ही हाईकोर्ट जाएं
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में आज सोमवार की सुबह से सर्वे शुरू हो चुका है। वहीं, इस मामले में मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि शुक्रवार को ASI सर्वे के आदेश दिए गए। हमें अपील करने का मौका भी नहीं दिया गया। मामले में सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष की तरफ से जल्द सुनवाई की मांग की गई है। आज सुबह 7 बजे से सर्वे शुरू हुआ है। मुस्लिम पक्ष ने सभी याचिकाओं पर हो रही सुनवाई पर रोक की मांग की है। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हमें 2 दिनों का वक्त दे दिया जाए। ताकि हम ASI के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने बात की है। एक हफ्ते तक खुदाई आदि नहीं होगी। एक ईंट तक नहीं हटाई गई है। सर्वे, वीडियोग्राफी और मैपिंग आदि हो रही है। इस पर सीजेआई ने कहा कि तो हम ASI के बयान को रिकॉर्ड करेंगे और मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने की इजाजत देंगे। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि फिलहाल ऐसा कुछ नहीं हो रहा है, जिससे धार्मिक चरित्र बदले। मुस्लिम पक्ष दो-तीन दिनों में हाईकोर्ट जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद एएसआई ने ये भरोसा दिया है कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में ASI फिलहाल खुदाई जैसा काम नहीं करेगा। 31 जुलाई तक खुदाई का काम नहीं होगा। सिर्फ माप, फोटोग्राफी और रेडार इमेजिंग होगी। सुप्रीम कोर्ट ने अंडरटेकिंग को रिकॉर्ड पर लिया। मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने की इजाजत दी। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे पर एक हफ्ते तक रोक लगाने की मांग की है। सीजेआई ने कहा कि फोटो लेने से भीतर की किसी चीज को कोई नुकसान नहीं होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
निचली अदालत ने दिया था एएसआई सर्वे का आदेश दिया
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हुजेफा अहमदी ने मामले को रखा और कहा कि शुक्रवार को निचली अदालत ने एएसआई सर्वे का आदेश दिया, जबकि सुप्रीम कोर्ट से संरक्षित क्षेत्र में सर्वे पर रोक लगाई है तो इससे बाहर भी सर्वे ना हो। ये एक तरीके से अवमानना है। हिंदू पक्ष ने विरोध किया और कहा कि एएसआई सर्वे का मामला सूचिबद्ध नहीं है। सील किया हुआ एरिया इस सर्वे में शामिल नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा क्या कर रहे हैं खुदाई
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि एएसआई क्या कर रहा है? क्या ASI खुदाई कर रहा है? यूपी सरकार ने वकील एसजी तुषार मेहता ने कहा कि पिछले मामले और इस मामले में अंतर है। उस समय कथित शिवलिंग का मामला था। सीजेआई ने कहा कि हम कहेंगे कि फिलहाल ASI कोई खुदाई आदि का काम ना करे। फिर हम इस मामले की सुनवाई कर लेंगे। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि एक हफ्ते के लिए आदेश पर रोक लगा दें। सीजेआई ने कहा कि हम इस मामले में मंगलवार को सुनवाई करेंगे। CJI ने तुषार मेहता से कहा कि पक्षकारों को कुछ समय दिया जाए। ASI को कहा जाए कि फिलहाल सर्वे ना करें। उनको इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का समय दें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुबह शुरू हुआ था सर्वे
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की एक अदालत के आदेशानुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की 30 सदस्यीय टीम ने सोमवार सुबह वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश किया, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित यह मस्जिद किसी मंदिर के ऊपर तो नहीं बनाई गई है। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि एएसआई की टीम सुबह सात बजे वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए निर्धारित परिसर में दाखिल हो गई और मौके पर हिंदू पक्ष के सभी वादियों के अधिवक्ता भी मौजूद हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।