अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से हुए बाहर, सवाल- शशि थरूर पर क्यों नहीं आलाकमान को विश्वास

वैसे तो देखा जाए, देश में वामपंथी दलों को छोड़कर कोई भी राजनीतिक दल ऐसा नहीं है, जो किसी ना किसी व्यक्ति विशेष का जेबी संगठन ना हो। चाहे वह बसपा के रूप में मायावती का संगठन हो। या फिर सपा के रूप में अखिलेश यादव का संगठन हो। या फिर बीजेपी के रूप में नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा की तिगड़ी ही रह गई हो। या फिर कांग्रेस में गांधी परिवार की जेब में संगठन हो। बीजेपी में भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव कैसे होते हैं, ये जगजाहिर है। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष को भी कार्यकर्ता नहीं चुनते, बल्कि सीधे ऊपर से नाम तय होता है। यानि कि जो काम कांग्रेस पहले से करती आई है, वही बीजेपी भी करती है। कांग्रेस में जहां, राहुल, सोनिया और प्रियंका की अनुमति के बगैर एक पत्ता तक नहीं हिलता है, वहीं, बीजेपी में ऐसे नेता पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा हैं। बीजीपी शासित राज्यों के सीएम को छोटे छोटे निर्णयों के लिए पहले दिल्ली दरबार पहुंचकर अनुमति लेनी होती है। अब बात राजस्थान की कर लेते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूत्रों के अनुसार अशोक गहलोत ने सीएम पद छोड़ने से मना कर दिया था। इससे की पार्टी आलाकमान नाराज था। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब पार्टी दूसरे विकल्प की तलाश में लग गई है। जानकारी के अनुसार अध्यक्ष पद की रेस में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी नहीं है। कमलनाथ भी मध्य प्रदेश छोड़ना नहीं चाहते हैं। वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे और दिग्विजय सिंह के नाम पर पार्टी विचार कर रही है। दिलचस्प बात ये है कि जब सांसद शशि थरूर अध्यक्ष के लिए नामांकन पर्चा ले चुके हैं, तो फिर उन्हें पार्टी आलाकमान संदेह की दृष्टि से क्यों देख रहा है। जबरन बनाए गए अध्यक्ष और स्वैच्छा से अध्यक्ष बनने में अंतर होता है। क्योंकि मेहनत वही करेगा, जो दिल से उस पद पर बैठना चाहता है। यहां भी कांग्रेस में झोल ही नजर आ रहा है। खास बात ये भी है कि शशि थरूर कांग्रेस में युवाओं की भी पसंद हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सचिन पायलट को नहीं बनाना चाहते थे सीएम
दरअसल अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान के सीएम का पद खाली होने वाला था। इस पद के लिए पार्टी आलाकमान की पहली पसंद सचिन पायलट थे, लेकिन अशोक गहलोत का समर्थन करने वाले विधायकों को सचिन पायलट सीएम के तौर पर किसी हाल में मंजूर नहीं थी। ऐसे में पार्टी के कई विधायकों ने सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए थे। वहीं इस मामले को सुलझाने के लिए गहलोत खेमे के विधायकों से अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने बात करने की कोशिश की थी, लेकिन विधायकों ने बात करने से इंकार कर दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।