अशोक आनन का गीत-बुरा मान गए

बुरा मान गए
ज़रा आईना क्या दिखाया, बुरा मान गए।
ज़रा चुनाव में क्या हराया, बुरा मान गए।
चाहते तो नहीं थे हम, मुंह आपके लगना
ज़रा हमने मुंह क्या चुराया, बुरा मान गए।
रोज़ – रोज़ की ये साज़िशें, ठीक नहीं लगतीं
ज़रा – सा पर्दा क्या उठाया, बुरा मान गए।
आप राजनीति के क़ाबिल, ज़रा भी नहीं हो
ज़रा सत्ता से क्या हटाया, बुरा मान गए ।
पानी सारा उतर चुका है, रहे न पानीदार
ज़रा – सा चुल्लू क्या बताया, बुरा मान गए।
‘ फूट डालो , राज करो ‘ की, नीति है आपकी
विपक्ष को गले क्या लगाया, बुरा मान गए।
देश जले या डूबे, आपको कहां फ़िक्र है
ज़रा समाचार क्या चलाया, बुरा मान गए।
कवि का परिचय
अशोक ‘आनन’, जूना बाज़ार, मक्सी जिला शाजापुर मध्य प्रदेश।
Email : ashokananmaksi@gmail.com

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।