अशोक आनन का गीत- औलाद बाप से हिसाब मांगती हैं, पैदा क्यों किया, का जवाब मांगती हैं

औलाद
औलाद बाप से हिसाब मांगती हैं।
पैदा क्यों किया, का जवाब मांगती हैं।
जिन आंखों ने कभी पढ़ें नहीं चेहरे,
वे आंखें हमसे किताब मांगती हैं।
नदियां जिन्होंने कभी बुझाई न प्यास
वे नदियां मेघों से आब मांगती हैं।
नाम खानदान का डुबाया जिन्होंने
वे खानदान का ख़िताब मांगती हैं।
दुपट्टा जिन्होंने कभी डाला नहीं
वे ही अब हमसे हिजाब मांगती हैं।
जिन्होंने कभी देखी नहीं मेहराबें
वे अब हमसे मेहराब मांगती हैं।
बिछाकर हमारी राहों में वे शूल
बदले में हमसे गुलाब मांगती हैं।
जिन्होंने एक चिराग़ तक न उजारा
वे रात हमसे आफ़ताब मांगती हैं।
छीनकर हमारे पैरों से चप्पलें
नंगे पैरों से जुराब मांगती हैं।
कवि का परिचय
अशोक ‘आनन’, जूना बाज़ार, मक्सी जिला शाजापुर मध्य प्रदेश।
Email : ashokananmaksi@gmail.com
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।