अशोक आनन की कविता- मौसम की साज़िश

ये आफ़त की बारिश है।
ये मौसम की साज़िश है।
लगे, अन्नदाताओं से
ये इसकी इक रंजिश है।
आंखों में उसकी आंसू
ये दिल जली आतिश है।
खेत-खलिहानों में जमी
ये पीड़ा की मजलिस है। (कविता जारी, अगले पैरे में देखिए)
मेहनतकश आदमी भी
ये अब तक क्यूं मुफ़लिस है।
इससे कैसे आगे लगे
ये सिली हुई माचिस है।
इंक़लाब वो लाएगा
ये उसकी इक कोशिश है।
कवि का परिचय
अशोक आनन
जूना बाज़ार, मक्सी जिला शाजापुर मध्य प्रदेश।
Email : ashokananmaksi@gmail.com
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।