उत्तराखंड में सपा ने जारी की 30 प्रत्याशियों की सूची, यूपी में सरकार पर आते ही कराएंगे जातिगत जनगणना, इमरान मसूद के बगावती तेवर
उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। रविवार के जारी की गई इस सूची में फिलहाल 30 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए गए हैं। उत्तराखंड प्रभारी एवं राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने इस सूची को जारी किया है।
देखे सूची-
अखिलेश यादव का बड़ा बयान, हम कराएंगे जातिगत जनगणना, दारा सिंह ने ली सदस्यता
यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सपा नेता अखिलेश यादव का जाति जनगणना पर बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा है कि सरकार में आते ही तीन महीने में जाति जनगणना करवाएंगे। वहीं पूर्व मंत्री दारा सिंह का बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल होने पर अखिलेश यादव ने कहा है कि मैं दारा सिंह चौहान का स्वागत करता हूं। उनके साथ भारी संख्या में लोग आए हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री पद से हाल ही में इस्तीफा दे चुके दारा सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी ‘अपना दल (सोनेलाल)’ के विधायक डॉ. आरके वर्मा रविवार को अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सपा मुख्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने दारा सिंह चौहान तथा प्रतापगढ़ जिले के विधायक आरके वर्मा के अपने-अपने समर्थकों के साथ पार्टी में शामिल होने की घोषणा की।
इस मौके पर चौहान ने कहा कि 2017 में जब भाजपा की सरकार बनी तब सबका साथ-सबका विकास, का नारा दिया गया था, लेकिन कालांतर में साथ तो सबका लिया गया, मगर विकास कुछ चंद लोगों का हुआ। इस प्रदेश में चंद लोगों का विकास हुआ और बाकी लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। चौहान ने कहा कि सपा मेरा पुराना घर है और हम उत्तर प्रदेश की सियासत की बदलकर अखिलेश यादव को फिर से उप्र को मुख्यमंत्री बनायेंगे। उन्होंने कहा कि वह आने वाले दिनों में सभी पिछड़ों और दलित समाज को लामबंद करेंगे। विरोधी लाख साजिश कर लें, लेकिन यह तूफान रुकने वाला नहीं है, बदलाव होकर रहेगा।
सीएम योगी पर दिया ये बयान
अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली वालों ने पहले ही उनकी गोरखपुर विदाई कर दी है। इन्होंने सिर्फ तोड़ने की राजनीति की है। हम लोग पॉजिटिव और विकास की राजनीति करेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी झूठे सर्वे में कुछ भी दिखा सकती है, लेकिन सच्चाई हम जानते हैं और जमीन पर ये कूटे जा रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की कोई उपलब्धि नहीं है। इनके पास बताने के लिए कुछ भी नहीं है। सीएम योगी पर निशाना कसते हुए कहा कि सीएम को किसी से लगाव नहीं है। उन्हें पेड़ पौधे से लगाव नहीं है और न ही जानवरों से लगाव है।
लगातार अन्याय किया, अब सरकार से मिला ईनाम
पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण के बीजेपी ज्वाइन करने पर अखिलेश यादव ने कहा- बताइए कैसे-कैसे लोग वर्दी में छुपे बैठे थे। इन लोगों ने लगातार अन्याय किया। इन्हें अब सरकार से इनाम मिल रहा है। ये जहां भी चुनाव लड़ेंगे, वहां से इनकी जमानत जब्त होगी।
चुनाव आयोग से करेंगे शिकायत
उन्होंने कहा कि मैं चुनाव आयोग से शिकायत करूंगा कि जो अधिकारी पांच साल सरकार के साथ काम कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाए। क्योंकि ये लोग बीजेपी के काम कर रहे हैं. अगर चुनाव आयोग ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करेगा तो हम नहीं मानेंगे कि चुनाव आयोग निष्पक्ष है। हम पहले चार अधिकारियों की लिस्ट चुनाव आयोग को दे चुके हैं।
इमरान मसूद के बगावती तेवर
हाल ही में कांग्रेस छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए इमरान मसूद के तेवर बग़ावती हो गए हैं। 12 जनवरी को इमरान मसूद सपा में शामिल हुए थे। उनके साथ कांग्रेस के विधायक मसूद अख्तर भी सपा में शामिल हुए थे, लेकिन इमरान मसूद अब अखिलेश से नाराज हो गए हैं। क्योंकि इनकी सीट से सपा किसी और को टिकट दे रही है। सूत्रों की मानें सपा ने बदली परिस्थितियों में इमरान मसूद को एमएलसी बनाने का ऑफर दिया है, लेकिन इमरान मानने को तैयार नहीं हैं और अब बसपा में अपनी संभावनाएं तलाश रहे हैं।
धर्म सिंह सैनी ने बिगाड़ा खेल
दरअसल, बीजेपी सरकार में मंत्री धर्म सिंह सैनी के सपा में शामिल होने से अब इमरान मसूद का सियासी समीकरण बिगड़ता दिख रहा है। सूत्रों के मुताबिक इमरान मसूद को पहले नकुड़ से टिकट दिया जाना था। अब बीजेपी से आए धर्म सिंह सैनी ने उनका समीकरण बिगाड़ दिया। फिर बेहट विधानसभा टिकट के लिए दावेदारी पेश की गई तो वहां से सपा के नरेश सैनी बीजेपी में शामिल हो गए। वहां से शाही इमाम के दामाद उमर अली खान की दावेदारी पेश हो गई है।
ऐसे में इमरान मसूद की संभावनाओं पर पानी फिर गया है। हालात ऐसे हैं कि इमरान मसूद के साथ सपा में आए सहारनपुर देहात के सिटिंग विधायक मसूद अख्तर का टिकट भी कन्फर्म नहीं है। क्योंकि यहां से सपा मुखिया मुलायम सिंह के करीबी आशु मलिक की मजबूत दावेदारी है। ऐसे में इमरान मसूद और उनके करीबी को सपा टिकट के लिए खासी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। मसूद ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने के पहले कहा था कि यूपी में मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।