अरविंद केजरीवाल कर गए ये बड़ी गलती, अब बीजेपी के आगे है चुनौती

दिल्ली में तीन बार सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी का चौथी बार सरकार बनाने का सपना टूट गया। AAP चुनावी राजनीति में एंट्री के साथ ही 2013 में दिल्ली की सत्ता पर काबिज हो गई थी। इसके बाद 2015 में ऐतिहासिक 67 सीटें और 2020 में 62 सीटें जीतकर जीतकर लगातार दिल्ली में ब्रांड केजरीवाल मजबूत होता गया। आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने खुद को कट्टर ईमानदार नेता के तौर पर प्रोजेक्ट किया और यह दांव कारगर भी रहा। हालांकि दूसरे कार्यकाल में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और केजरीवाल सहित पार्टी के कई नेता लंबे समय तक जेल भी रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस ने दिल्ली में चुनाव मिलकर लड़ा, लेकिन दोनों एक सीट भी नहीं ला पाए। विधानसभा चुनाव में बात नहीं बन पाई। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और दिल्ली की सीएम शिला दीक्षित को बदनाम कर सफलता की राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ने वाले केजरीवाल ने इस बार के विधानसभा चुनाव में दो बड़ी गलती कर दी। पहली गलती ये की कि उन्होंने खुद को ईमानदार और राहुल गांधी को तीसरे नंबर का भ्रष्ट नेता करार दिया। बाकायदा इसके पोस्टर भी जारी कर दिए गए। नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस आक्रमक हो गई और राहुल गांधी जहां पहले प्रचार में ज्यादा समय नहीं दे रहे थे, वहीं, उन्होंने केजरीवाल के कार्यों पर सवाल उठाते हुए धुआंधार बैटिंग की। (आगे खबर अगले पैरे में वीडियो से समझें)
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।