लखीमपुर खीरी हत्याकांड की बरसी, किसानों और मजदूरों ने देहरादून में प्रदर्शन कर केंद्र का पुतला जलाया
यूपी के लखीमपुर खीरी हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पूरे देश में राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा ने आज काला दिवस मनाया। इसी कड़ी में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी किसान संगठनों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी और प्रधानमंत्री के पुतले फूंके। साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। किसान नेताओं ने बताया कि पूरे देश में करीब 750 हेड क्वार्टर पर किसानों ने पुतला फूंकने का कार्य किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आज मजदूर संगठनों सीआईटीयू , एटक ने सीटू कार्यालय से जुलूस निकाला। राजपुर रोड़ में गांघी पार्क चौराहे पर जुलूस पहुंचा। इस मौके पर मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस दौरान केन्द्रीय गृह राज्यमन्त्री अजय मिश्रा टैनी तथा केन्द्र सरकार का पुतला दहन किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों में किसान मोर्चे के राज्य अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सजवाण, महामंत्री गंगाधर नौटियाल, कोषाध्यक्ष शिवप्रसाद देवली, अध्यक्ष दलजीतसिंह, महामंत्री कमरूद्दीन, माला गुरूंग, सीटू प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, महामंत्री लेखराज, एटक के नेता एसएस रजवार, धर्मानन्द भट, राजेन्द्र पुरोहित, एजाज, बलबीर सिंह, याकूब अली, उम्मेद बोरा, जितेन्द्र सिंह, मलकियत सिंह, कुन्दन सिंह, गुमानसिंह, प्रेंम सिंह, सुरजीत सिंह, जियाराम, जमीरी राम, रणजीत सिंह, बिन्दा सिंह, किशन सिंह, हरवंश सिंह, मिंगाराम, मनमोहन सिंह, गुरूप्रीत सिंह, अनन्त आकाश, प्रदीप कुमार, भगवन्त पयाल, राम सिंह भण्डारी, रविंद्र नौडियाल, मामचन्द, चित्रा, शिवा दुबे, लक्ष्मी पन्त आदि बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है मामला
तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में आठ लोगों की मौत होने के बाद हिंसा भड़क गई थी। ये घटना तक हुई, जब किसान उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके में दौरे का विरोध कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया। इस वाहन में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा बैठे थे। इस घटना के बाद एसयूवी के चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को कथित रूप से गुस्साए किसानों ने पीट-पीट कर मार डाला। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।