Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 18, 2025

उत्तराखंड में वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट जारी न होने पर शिक्षकों में गहराया आक्रोश

शासन स्तर पर वेतन विसंगति समिति के द्वारा विधिवत कार्मिक, शिक्षक संगठनों से प्रस्ताव भी मांगे गए, लेकिन सम्बन्धित पर अद्यतन कोई कार्यवाही न होने पर शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

उत्तराखंड में शासनादेश में व्याप्त त्रुटियों एवं वेतन विसंगतियों के निराकरण के लिए शासन और विभाग से की जा रही निरन्तर मांग के मध्य नजर सरकार ने काफी पहले शासन स्तर पर वेतन विसंगति समिति का गठन किया। इसके द्वारा विधिवत कार्मिक, शिक्षक संगठनों से प्रस्ताव भी मांगे गए, लेकिन सम्बन्धित पर अद्यतन कोई कार्यवाही न होने पर शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के पूर्व प्रान्तीय महामंत्री राजेंद्र प्रसाद बहुगुणा ने बताया कि प्रदेश में सन्निकट चुनाव आचार संहिता लागू होने वाली है, किन्तु सरकार की वेतन विसंगति समिति का निर्णय फिहाल सफेद हाथी होता नजर आ रहा है। बहुगुणा ने कहा कि शिक्षकों को वित्त शासनादेश के तहत 01 अप्रैल 2009 से वास्तविक वेतन लाभ पूर्व में ही दिया जा चुका था, किन्तु 28 दिसम्बर 2018 के वित्त शासनादेश से पुनः दिसम्बर 2018 तक नोशनल (काल्पनिक) वेतन निर्धारण करना औचित्यहीन है।
इसकी त्रुटि दूर करने तथा 01 जनवरी 2006 के बाद के चयन/पदोन्नत शिक्षकों को मूल शासनादेशो में निर्धारित प्राविधानों के तहत विकल्प की स्पष्ट व्यवस्था थी। इसके तहत शिक्षा निदेशालय की ओर से दो-दो बार विकल्प प्रस्ताव स्वीकृति के लिए शासन को भेजे गए, उन पर अभी कोई कार्यवाही नहीं हुई। साथ ही सप्तम वेतनमान मे चयन/प्रोन्नत वेतनमान पर वेतनवृद्धि का प्राविधान तथा वेतन विसंगति निराकरण के न्यायोचित मामले शासन/ वेतन विसंगति समिति को पूर्व में ही भेजे जा चुके हैं। उन्हें जानबूझ कर लटकाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वहीं प्रदेश में लगभग डेढ़ हजार जूनियर हाईस्कूलों का उच्चीकरण पूर्व में ही हाईस्कूलों में हो चुका है। अब पुनः भारी संख्या में जूनियर विद्यालयों का शासन उच्चीकरण करने जा रहा है। खेदजनक है कि इन जूनियर हाईस्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के संवर्ग के सम्बंध में लम्बे समय से छात्र-शिक्षक हित में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। विज्ञ है कि प्रदेश में कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा व्यवस्था जूनियर हाईस्कूल एवं हाईस्कूल तथा इंटर कालेजों में संचालित है। प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशालयों में बंटी हुई है। इसके बावजूद प्रदेश में छात्र और शिक्षक हित में भी सम्यक निर्णय शासन, सरकार की ओर से नहीं लिया जा रहा है। राजेंद्र प्रसाद बहुगुणा ने इनका शीघ्र निस्तारण करने की मांग शासन से की है।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page