मांगों को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने किया सचिवालय कूच, पुलिस ने रोका, धक्मामुक्की में तीन कार्यकत्री हुई बेहोश

इससे पहले परेड मैदान में आयोजित सभा में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने मुख्य मांगों में आंगनवाड़ी को 21 हजार रुपये तथा सहायिकाओं के लिए 18हजार न्यूनतम वेतन घोषित करने, मिनी आंगनवाड़ियों के लिये समान कार्य के लिये समान वेतन घोषित करने,गौराधन योजना का लाभ भी आंगनवाड़ियों को देने की मांग को दोहराया। कहा कि मांगों को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है। कई बार धरने, प्रदर्शन और रैली निकाली गई। विभागीय मंत्री रेखा आर्य के साथ ही सीएम से भी मुलाकात की गई। इसके बावजूद हर बार उनके साथ घोखा किया गया। कैबिनेट में उनकी मांगों के संदर्भ में प्रस्ताव तक नहीं रखा गया।
सभा को जानकी चौहान, चित्रकला, ज्योतिका पांडे, रजनी गुलेरिया, उमा बहुगुणा, दीपा पांडेय, सुशीला खत्री, लष्मी बिष्ट, सुधा शर्मा, सुनीता राणा, अर्चना शर्मा, सावित्री राणा, लक्षमी पंत, आशा रावत, विष्णु राणा, सीटू सचिव लेखराज, रविन्द्र नौडियाल, देवानंद नौटियाल, ज्योति बाला, मीनू आदि ने संबोधित किया। प्रदर्शन में ऑगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सेविका कर्मधारी यूनियन सीटू, उत्तरांचल राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी पंचायत, उत्तराखंड आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन(एक्टू), ऑगनवाडी कार्यकत्री एकता संगठन, आंगनवाड़ी कार्यकत्री/मिनी/सहायिका संयुक्त संगठन, उत्तराखण्ड ऑगनवाड़ी कार्यकत्री महासंगठन, उत्तराखंड राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ से जुड़ी स्वयंसेविकाएं शामिल थीं।
प्रदर्शनकारियों में अफसाना, रजनी राणा, रजनी, सुमन देवी, रश्मि गुप्ता, सोम बाला, एकता, पौड़ी से मंजू उनियाल, मीना रावत, कुसुम, रेखा, गिन्नी, शिखा, कमल सती, सुनीता रावत, शिला बहुगुणा, पुष्पा भण्डारी, मनीषा, अनुराधा, किरण नेगी, विमला भण्डारी, आशा, चरित्रा, दीप्ती, मीनाक्षी, सतेश्वरी, माया, वेजयन्ती, सत्यवती, दीपा ध्यानी, मेनवति, रीता, सीमा, सोमवती, भारती राणा, उमा प्रधान, उषा थापा, आनंदी आदि थीं।
कैबिनेट में नहीं हुआ था फैसला
गौरतलब है कि 12 अक्टूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों के मानदेय को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया। इनके समबंध में फैसला लेने के लिए मंत्रिमंडल ने सीएम को अधिकृत किया। वहीं, शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आंगनवाड़ी यूनियन के एक गुट की प्रदेश अध्यक्षा रेखा नेगी, महामंत्री श्रीमती सुमति थपलियाल एवं श्रीमती मीनाक्षी रावत ने भेंट की। उन्होंने सीएम को मांग पत्र सौंपा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के हित में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि आंगनवाड़ी की बहनों की समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा की राज्य में सीमित संसाधन होने के बावजूद भी राज्य सरकार द्वारा सबके हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य किए जा रहे है।
आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की मांगे
1- ऑगनवाडी कार्यकत्री/मिनी/सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। कार्यकत्री को तृतीय एवं सहायिका को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का दर्जा दिया जाय ।
2- राज्य कर्मचारी घोषित ना होने तक कार्यकत्री को 21000 रुपये एवं सहायिका को 18000 रुपये प्रतिमाह मानदेय भुगतान किया जाय।
3- कार्यकत्रियों को सुपरवाइजर्स तथा सहायिकाओं को कार्यकत्री के पदों पर 100 प्रतिशत प्रोन्नती दी जाय, साथ ही प्रोन्नतियों में आयु सीमा की बाध्यता समाप्त की जाए।
4- ऑगनवाडी/सहायिकाओं की पुत्रीयों को नन्दा देवी/गौरा देवी कन्या विद्या धन योजना का लाभ दिया जाय।
5- वर्ष 2018- 2017 तथा 2019 में दिये गये धरना कार्यक्रम के दौरान ऑगनवाडी कार्यकत्रियों/सहायिकाओं के मानदेय में की गयी कटौती का भुगतान किया जाय।
6-पोषण टेकर एप से ऑगनवाडी कार्यकत्री एवं लाभार्थियों को डाटा लीक हो रहा है। इस एप को सुरक्षा की दृष्टि से बन्द किया जाय,केन्द्रों में सेनेटरी नेप्किन का वितरण। निःशुल्क किया जाय। कार्यकत्रियों को सरकारी बैठकों, प्रशिक्षण में भाग लेने पर आने-जाने का किराया (टीए-डीए) दिया जाय।
7-मानदेय भुगतान प्रतिमाह 7 तारीख तक अनिवार्य रूप से करते हुए पासबुक में मानदेय के साथ माह भी अंकित किया जाय, बीएलओ की धनराशी 6000 रुपये से बढ़ाकर 12000 की जाय।
8- बीमा, फंड की सुविधा के अतिरिक्त सेवानिवृति पर कम से कम 200000 रुपये एक मुश्त धनराशी का भुगतान जाय। साथ ही पेंशन का लाभ भी दिया जाय।
9-ऑगनवाड़ी केन्द्रो में 03 से 06 वर्ष के बच्चों के लिए प्री प्राइमरी लागू किया जाय।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।