अमित शाह का कथन हो गया उलटा, मणिपुर में तो बीजेपी की सरकार, हिंसा के चलते आठ जिलों में कर्फ्यू
हिंसा या दंगा किस सरकार के कार्यकाल में हो जाए, इसे लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती हैं। क्योंकि कई बार परिस्थितियां ऐसी बन जाती है कि सरकारों को भविष्य में घटनाएं घटित होने से पहले आभास तक नहीं हो पाता है। मणिपुर में हिंसा के चलते आठ जिलों में कर्फ्यू है। हालात संभालने के लिए सेना को तैनात किया गया है। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश हैं। ऐसे में कर्नाटक के चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह का बयान भी अब सोशल मीडिया में वायरल होने लगा है। इसमें अमित शाह ने कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो राज्य में सांप्रदायिक दंगे होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर में बीजेपी की सरकार है और लोग सोशल मीडिया में बीजेपी से पूछ रहे हैं कि यदि कांग्रेस की सरकार के दौरान सांप्रदायिक दंगे होते हैं, तो मणिपुर में फिर जातिगत हिंसा क्यों हो रही है। कारण है कि मणिपुर में हालात हर दिन खराब होते जा रहे हैं। बुधवार को आदिवासियों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। इसके बाद 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। सरकार ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है। हिंसाग्रस्त इलाकों में धारा 144 लागू है। पूरे राज्य में 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गोली मारने को लेकर सरकार की ओर से जारी आदेश में साफ साफ लिखा है कि प्रशासन विषम परिस्थितियों में ही ऐसा कदम उठाए। इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने वीडियो जारी कर लोगों से अपील की है कि शांति के लिए सरकार का सहयोग करें। राज्य में दो समुदायों के बीच हिंसा गलतफहमी के कारण हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो भी तोड़फोड़ या हिंसा करेंगे उसके खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच कई दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। बुधवार 3 मई की रात ये तनाव हिंसा का रूप ले लिया। इसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रातोंरात सेना और असम राइफल्स के कई दलों को फौरन तैनात किया गया। हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है मामला
गैर-आदिवासी मेइती समुदाय को एसटी के दर्जे की मांग के खिलाफ ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर ने आदिवासी एकजुटता मार्च बुधवार को निकाला था, लेकिन इस दौरान हिंसा भड़क गई थी। बता दें कि हाल ही में मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मेइती समुदाय को एसटी दर्जे की मांग पर चार हफ्ते के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहा था। इसी को लेकर मार्च का आयोजन किया गया था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।