हरियाणा की आशाओं के समर्थन के साथ ही उत्तराखंड की समस्याओं को लेकर आशा वर्कर्स यूनियन ने किया प्रदर्शन

हरियाणा की आशाओं के आंदोलन के समर्थन के साथ ही उत्तराखंड की समस्याओं को लेकर आशा वर्कर्स यूनियन ने आज उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जिला मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इस दौरान जिलाधिकारी सोनिका के माध्यम से हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, स्वास्थ्य मंत्री के साथ ही देहरादून के सीएम पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री को अलग अलग ज्ञापन भेजे गए। ज्ञापन की प्रतिलिपि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया को भी भेजी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हरियाणा को ये भेजा गया ज्ञापन
हरियाणा के सीएम को भेजे गए ज्ञापन में हरियाणा में हड़ताली सीटू से संबद्ध आशा वर्कर्स यूनियन ने हरियाणा की आशा कार्यकर्ताओं का दमन बंद करने की मांग की। साथ ही कहा कि उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल को तत्काल द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से सुलझाएं। उन्होंने कहा कि भारत की आशा कार्यकर्ता हरियाणा की हड़ताली आशा कार्यकर्ताओं और ट्रेड यूनियन नेताओं को शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने के खिलाफ हैं। हरियाणा सरकार की तानाशाही और पुलिसिया दमन से स्तब्ध हैं। हम 27 अगस्त से हरियाणा पुलिस द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के नेताओं और देश की मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियन सीटू के नेताओं को उनकी लंबे समय से लंबित मांगों और द्विपक्षीय वार्ता के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकने के लिए अवैध हिरासत में लेने की निंदा करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लगाए गए ये आरोप
ज्ञापन में कहा गया है कि आशा वर्कर यूनियन के अधिकांश नेताओं और सीटू के राज्य पदाधिकारियों में यूनियन की अध्यक्ष सुरेखा, सीटू के राज्य महासचिव जयभगवान, आशा वर्कर्स यूनियन की महासचिव सुनीता को परेशान किया गया और गिरफ्तार किया गया। उन्हें बसों में ले जाया गया और लगातार शहर का चक्कर लगाया गया। महिला नेताओं को शौचालय जाने की भी अनुमति नहीं दी गई। पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं कराया गया, जो मानवाधिकारों के उल्लंघन है। राज्य में आतंक का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसलिए हुए आंदोलन को मजबूर
ज्ञापन में कहा गया कि आशा कार्यकर्ता संघ हरियाणा (एडब्ल्यूएफएफआई से संबद्ध) के नेतृत्व में आशा कार्यकर्ताओं को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। क्योंकि सरकार पारिश्रमिक के भुगतान पर संघ के साथ पहले के समझौतों को लागू करने में विफल रही थी। सरकार को ऐसी दमनकारी नीति को बंद कर यूनियन नेतृत्व से बात करनी चाहिए। साथ ही द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से मुद्दों का समाधान करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड के सीएम से की ये मांग
उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन सीटू के बैनर तले प्रदर्शन कर रही आशाओं ने भुगतान संबंधी समस्याओं की ओर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान आकर्षित किया। इसमें कहा गया कि आशा वर्कर का अक्टूबर 2022 से अब तक काम का कोई भी भुगतान नहीं हुआ है। इसकी वजह से आशा वर्कर को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं बिंदु
-जननी सुरक्षा जेएसवाई का भुगतान 2 वर्ष से नहीं हुआ है।
-भारत सरकार से मिलने वाला कोविड-19 भत्ता ₹1000 प्रति माह के हिसाब से अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 तक का भुगतान नहीं हुआ है। अन्य राज्यों में इसका भुगतान हो चुका है। इसे तत्काल करवाया जाए तथा कोविड-19 भत्ता आगे लगातार जारी किया जाए।
-उत्तराखंड के कई जिलों में वर्ष 2021 से आशा वर्कर का वर्क रिपोर्ट के हिसाब से 1 साल का कोई भी पैसा नहीं आया है। उसे तत्काल भुगतान करवाया जाए।
-आशा वर्कर को दिए जाने वाले प्रशिक्षण का भुगतान भी काफी समय से नहीं हुआ है इसे भी करवाया जाए।
-आशा वर्कर की हड़ताल के दौरान हुए कार्य का भुगतान करवाया जाए। क्योंकि आशा का काम 1 या 2 माह का नहीं होता है। वह लगातार 1 या 2 वर्ष कार्य करती है। तब उसको भुगतान मिलता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
-आशा वर्कर को 8 माह वर्ष अक्टूबर 2022 से अब तक किसी भी काम का कोई भी भुगतान नहीं हुआ है, जिससे आशाओं को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
-आशाओं को राज्य तथा केंद्र से मिलने वाली धनराशि का भुगतान प्रतिमाह डीवीडी के माध्यम से किया जाए।
-महोदय आशा वर्कर को वर्ष 2021 में सरकारी सिम दिए गए थे, जो कि 2 माह चलने के बाद बंद हो गए हैं। इसका रिचार्ज का भुगतान देहरादून जिले में कहीं पर नहीं किया गया। वहीं, अन्य जिलों में फोन रिचार्ज का भुगतान किया जा रहा है। जहां पर भुगतान नहीं हुआ है, वहां पर वर्ष 2021 से अब तक का फोन रिचार्ज का भुगतान करवाया जाए। इसे लगातार जारी रखा जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
-लाभार्थी का बैंक खाता ना होने के कारण फैमिली प्लानिंग तथा जेएसवाई का भुगतान नहीं मिलता है, लेकिन आशा की मेहनत को देखते हुए उसका भुगतान अवश्य करवाया जाए।
-आशा वर्कर्स को जो भी भुगतान होते हैं, उनकी लिस्ट अवश्य प्रदान करवाई जाए। क्योंकि उन्हें पता ही नहीं चलता है कि उनके खाते में आने वाला भुगतान किस काम का है।
-आशा वर्कर्स का अप्रैल माह से वर्क रिपोर्ट का काम का कोई भी पैसा नहीं आया है, जिसकी वजह से आशाओं को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है शीघ्र करवाया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दी गई ये चेतावनी
आशाओं ने कहा कि 15 सितंबर 2023 तक आशा वर्कर का संपूर्ण भुगतान तथा समस्त समस्याओं पर यथा उचित कार्रवाई की जाए। अन्यथा समस्त आशा वर्कर कर बहिष्कार करके आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगी। इसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों में ये रहीं शामिल
प्रदर्शन करने वालों में उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन सीटू की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे, उपाध्यक्ष कलावती चंदोला, जिला अध्यक्ष सुनीता चौहान, सचिव अनीता, भुवनेश्वरी देवी, पिंकी, संतोषी बिष्ट, नीलम देवी, निशा पाल, संगीता नेदी, बबली रावत, अनिल अग्रवाल, अनीता, मधु गर्ग, सीमा आदि शामिल थे।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।