एक मई से उत्तराखंड पुलिस के सभी कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल को मिलेगा साप्ताहिक विश्राम
उत्तराखंड पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन में समस्त जनपदों में नियुक्त मुख्य आरक्षी एवं आरक्षियों को साप्ताहिक विश्राम की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया।

उत्तराखंड पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन में पुलिस के कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल के पक्ष में बड़ा निर्णय लिया गया। तय किया गया कि पुलिस कर्मियों के मनोबल एवं कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए एक मई 2021 से प्रदेश के समस्त जनपदों में नियुक्त मुख्य आरक्षी एवं आरक्षियों को साप्ताहिक विश्राम की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
देहरादून में पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के समापन पर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सम्मेलन में सेनानायक 40वीं वाहिनी, 31 वीं वाहिनी, 46 वीं वाहिनी, आईआरबी प्रथम एवं द्वितीय, प्रधानाचार्य एटीसी, पीटीसी, पुलिस अधीक्षक रेलवे, सेनानायक एसडीआरएफ, पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ ने अपने-अपने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से किये जा रहे कार्यों, नई पहलों, भविष्य की कार्ययोजना एवं पुलिस मुख्यालय से आवश्यकता के सम्बन्ध में अपने विचार रखे।
साथ ही पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ ने आगामी महाकुम्भ मेले में यातायात प्रबन्धन, भीड़ प्रबन्धन तथा असामाजिक एवं राष्ट्र विरोधी तत्वों के सम्बन्ध की गई तैयारियों एवं पुलिस व्यवस्था को लेकर प्रस्तुतिकरण प्रस्तुत किया। इसके तत्पश्चात पुलिस मुख्यालय की ओर से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की ओर से मुख्यालय स्तर से प्रचलित कार्यों में समस्त फील्ड अधिकारियों से अच्छा कार्य करने की अपेक्षा करते हुए भविष्य की कार्ययोजना के सम्बन्ध में विस्तार से बताया गया।
सम्मेलन के समापन सत्र में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस को स्मार्ट बनाना एवं पुलिस की दक्षता को बढ़ाना हमारी प्राथमिकता में है। हम सभी लोकसेवक हैं। हमें पब्लिक को डिलिवरी देनी है, जिसके लिए हमें परफार्म करना है। अपने दायित्वों का निर्वहन दृढ़ता परन्तु विन्रमता के साथ पीड़ित को केन्द्र में रखकर करें।
उन्होंने सभी अधिकारियों से अपने कार्य व आचरण में पारदर्शिता एवं ईमानदारी बनाये रखने, विभाग में स्वच्छ छवि, अनुशासन एवं अच्छा व्यवहार बनाये रखने, वरिष्ठ व कनिष्ठ अधिकारियों से निरन्तर संवाद बनाये रखने, अधीनस्थों को कार्य के अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि बच्चों, महिलाओं व कमजोर वर्गो के विरुद्ध अपराधों में संवदेनशील होकर कार्य करने, जनता की शिकायतों के त्वरित निस्तारण करने के सम्बन्ध में अपने अधीनस्थों को यथोचित रूप से ब्रीफ किया जाये।
उन्होंने कहा कि हमें पब्लिक डिलिवरी बढ़ानी है और ऑपरेशनल और एडमिनिस्ट्रेशन दोनों तरफ अपना शत प्रतिशत देना है। उत्तराखंड पुलिस को स्मार्ट एवं उसकी दक्षता बढ़ाने के लिए हमने विगत दो माह में एक टीम की तरह अच्छा काम किया है। इसके सार्थक परिणाम हमें देखने को मिले हैं। शासन स्तर से भी हमारी प्रशंसा हुई है। हमें अपनी यही उर्जा बनाए रखनी है। सभी की जवाबदेही तय की जाए, चाहे वह किसी भी रैंक का हो। अच्छा कार्य करने के लिए पुरस्कार एवं कार्य में कोताही बरतने के लिए दण्ड का प्रावधान है। अपने कार्यक्षेत्र में अपराध नियंत्रण न कर पाने, कानून एवं शान्ति व्यवस्था कायम न रख पाने एवं पीड़ित की शिकायत न सुनने वालों पर कार्यवाही की जाए। उन्हें तत्काल हटाया जाए। खनन इत्यादि में जो वाहन दुर्घटना कर रहे हैं उनके वाहन स्वामियों की जिम्मेदारी भी तय की जाए।
ये लिए गए निर्णय
-पुलिस कर्मियों के मनोबल एवं कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए 01 मई, 2021 से प्रदेश के समस्त जनपदों में थाना, चौकी, पुलिस लाइन में नियुक्त मुख्य आरक्षी एवं आरक्षियों को साप्ताहिक विश्राम की सुविधा उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया है।
-ड्रग्स माहियाओं एवं साइबर क्राइम में लिप्त अपराधियों के विरूद्ध गैंगस्टर के अन्तर्गत कार्यवाही एवं उनकी अवैध रूप से अर्जित सम्पत्ति की कुर्की की जाएगी।
-पुलिस लाईन एवं पीएसी वाहिनियों की बैरकों के नाम प्रदेश की नदियों एवं पर्वतों के नाम पर रखें जाएंगे।
-सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी एवं असामाजिक पोस्ट करने वाले व्यक्तियों का रिकार्ड रखा जाएगा। भविष्य में उनके द्वारा पासपोर्ट एवं आर्म्स लाइसेंस के अनुरोध करने पर सत्यापन कार्यवाही में इसका उल्लेख भी किया जाएगा।
-जनपद प्रभारियों द्वारा चौकी प्रभारियों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी।
-दिनांक 06 फरवरी से आगामी 03 दिवसीय कुमाऊं भ्रमण में जनता की समस्याओं व सुझावों के लिए जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।





