आतंकी संगठन अलकायदा का सरगना अल जवाहिरी को अमेरिका ने ड्रोन हमले में मार गिराया

बताते चलें कि अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी, मिस्र का एक सर्जन था, जो बाद में दुनिया के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक बन गया था। उसकी गिनती 11 सितंबर, 2001 को संयुक्त राज्य अमेरिका पर हुए हमलों के मास्टरमाइंड के रूप में भी की जाती थी। उस आतंकी घटना में लगभग 3 हजार लोगों की मौत हो गयी थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जवाहिरी पर अमेरिका ने 25 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था। 2011 में पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा को वो देखता था। न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट और सीएनएन अज्ञात स्रोतों के हवाले से उसकी मौत की पुष्टि की है। 31 अगस्त, 2021 को अमेरिकी सेना के देश से हटने के बाद से अफगानिस्तान में अल-कायदा पर अमेरिका द्वारा यह पहला ड्रोन हमला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रविवार को किया था ड्रोन हमला
अमेरिका के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर खुलासा किया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर ड्रोन स्ट्राइक की थी। इसी हमले में अयमान अल जवाहिरी मारा गया। यह हमला अफगानिस्तान में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन के तहत किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तालिबान की भूमिका पर सवाल
अल जवाहिरी की मौत से अब तालिबान की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल है कि पिछले साल अगस्त 2021 में काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान अपने यहां जवाहिरी को पनाह दिए हुआ था। साल 2021 में 20 साल बाद अमेरिकी फौजें अफगानिस्तान छोड़कर अमेरिका वापस चली गई थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तालिबान ने हमलों की पुष्टि की
तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्लाह मुजाहिद ने इन हमलों की पुष्टि करते हुए इनकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन बताया। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी कहा था कि काबुल में रविवार सुबह जोरदार धमाके की आवाज सुनी गई। प्रवक्ता अब्दुल नफी तकोर ने कहा कि शेरपुर में एक मकान पर रॉकेट से हमला किया गया था। चूंकि मकान खाली था इसलिए कोई भी जख्मी नहीं हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे अमेरिकी हमलों में भी था हाथ
सितंबर 2001 के हमलों के अलावा अल जवाहिरी पर साल 2000 में 12 अक्टूबर को यमन में अमेरिकी जहाज यूएसएस कोल पर भी हमले का आरोप है। इसमें अल कायदा के दूसरे वरिष्ठ कमांडर शामिल थे। इन हमलों में अमेरिका के 17 नौसैनिक मारे गए थे और 30 अन्य घायल हुए थे। 7 अगस्त, 1998 को केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर हुए बम विस्फोटों में उसकी भूमिका के लिए जवाहिरी को अमेरिका में दोषी ठहराया गया था। इन हमलों में 224 लोग मारे गए थे और 5,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अफगानिस्तान से बच निकला था
संयुक्त राज्य अमेरिका पर 11 सितंबर के हमलों के बाद 2001 के अंत में जब अमेरिका के नेतृत्व वाली सेना ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को गिरा दिया था, उस समय बिन लादेन और जवाहिरी दोनों बचकर निकल गए थे। बाद में बिन लादेन को अमेरिकी फौजों ने साल 2011 में पाकिस्तान में मार गिराया था।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।